खाली जमीनों पर रोपे जा रहे पौधे
मुंबई, 22 मार्च (हि.सं.)। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में लगातार बढ़ रहे शहरीकरण और जनसंख्या के कारण प्रदूषण की समस्या भी विकट होती जा रही है। पर्यावरण को संतुलन बनाए ऱखने के लिए मुंबई महानगरपालिका ने अनोखा प्रयोग किया है। प्रभादेवी में अतिक्रमण से मुक्त कराई गई जमीन पर 200 से अधिक पौधे रोपे गए हैं। इससे न केवल शहर की हरियाली में चार चांद लग रहा है बल्कि पर्यावरण संतुलन में भी मदद मिल रही है।
मुंबई में कई बड़ी परियोजनाओं के काम चल रहे हैं। इससे बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई की गई है। इन दिनों शहर में वायु प्रदूषण का मसला गहराता जा रहा है। वैश्विक ग्लोबल वार्मिग के कारण मौसम में बड़ा बदलाव आया है। वृक्षों का संरक्षण प्रमुख मुद्दा बन गया है। मुंबई मनपा अनधिकृत निर्माणों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। अतिक्रमण मुक्त कराए गए स्थानों पर अब बागवानी करने का फैसला किया गया है। प्रभादेवी में अनोखी पहल की गई है। अतिक्रमण हटाने के बाद खाली हुई जमीन पर 200 से अधिक पौधे लगाए गए हैं। इससे एक सुंदर हरित क्षेत्र निर्मित हो गया है और लोगों को आकर्षित कर रहा है। मुंबई मनपा का यह प्रयोग स्थानीय लोगों और पर्यावरणविदों को खूब भा रहा है।
मनपा के 'जी दक्षिण' विभाग के अधिकारियों के अनुसार प्रभादेवी क्षेत्र में एस. एल मटकर मार्ग पर फुटपाथ और सड़क किनारे अतिक्रमण के कारण राहगीरों को बड़े पैमाने पर परेशानी हो रही थी। जनवरी महीने में 39 अनाधिकृत निर्माणों को ढहाकर जमीन खाली करा ली गई थी। मटकर रोड को चौड़ा करने के साथ ही 2 मीटर चौड़ा कंक्रीट वॉकवे बनाया गया है। खुले स्थान पर विभिन्न पर्यावरण-अनुकूल और सजावटी पौधे रोपे गए हैं। इनमें सुपारी, एरेका पाम, ड्रैकेना, मुसांडा, पेडिलैंथस, टैबरनामोंटाना, एकैलिफा और लैंटाना का समावेश है। एरेका पाम वृक्ष की विशेषता है कि यह हवा से वायु प्रदूषकों को अवशोषित करता है। तितलियां भी इन वृक्षों की ओर आकर्षित होती हैं। इसतरह के वृक्षारोपण से न केवल हरियाली बढ़ेगी बल्कि पर्यावरण भी संरक्षित रहेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / वी कुमार



