उत्तराखंड को नशामुक्त बनाने और इसे देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने की दिशा में कार्य करें  :  योगी आदित्यनाथ 

-गुरु गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय विथ्याणी की गौरक्ष पत्रिका का किया विमोचन

- योगी आदित्यनाथ ने कृषि, पशुपालन और आत्मनिर्भरता पर दिया जोरदेहरादून, 6 फरवरी (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने पैतृक गांव पंचुर के भ्रमण के दौरान सिद्धपीठ महादेव मंदिर में दर्शन कर पूजा-अर्चना की। इसके बाद उन्होंने महायोगी गुरु गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय, विथ्याणी में 'गौरक्ष पत्रिका' का विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को चेक वितरित किए और गोविंद बल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय, पंतनगर के स्टॉलों का अवलोकन भी किया।

यहां आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनके गुरु महंत अवैद्यनाथ और पूजनीय पिताजी ने इस महायोगी गुरु गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय विथ्याणी की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने भारत में खाद्यान्न संकट की स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय ने हरित क्रांति की शुरुआत कर देश को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने में अहम योगदान दिया था। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत की जनसंख्या लगभग 140 करोड़ है, जिसमें 80 करोड़ लोगों को सरकार पिछले पांच वर्षों से मुफ्त राशन उपलब्ध करा रही है। याेगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तराखंड में डेयरी और पशुपालन की अपार संभावनाओं पर जोर देते हुए कहा कि बकरी का दूध अत्यधिक गुणकारी होता है और कई रोगों के उपचार में सहायक है।

उन्होंने कहा कि स्थानीय संसाधनों के बेहतर उपयोग और कृषि व पशुपालन को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भरता प्राप्त की जा सकती है, जिससे पलायन को रोका जा सकेगा। उन्होंने बताया कि मेले के माध्यम से स्थानीय लोगों को बकरी व कुक्कुट वितरण किया जा रहा है। उन्होंने उत्तराखंड को भारत का मुकुट मणि बताते हुए कहा कि यह राज्य राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने प्रदेश को नशामुक्त बनाने और इसे देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने की दिशा में कार्य करने की अपील की। इस दौरान उन्होंने स्थानीय लोगों से मुलाकात भी की।

कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, डॉ. धन सिंह रावत, स्थानीय विधायक रेनू बिष्ट, कुलपति गोविंद बल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय पतनगर मनमोहन सिंह चौहान, निदेशक राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान केंद्र करनाल धीर सिंह, संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा एके उनियाल, सचिव बिपिन रावत वार मेमोरियल संस्था मनजीत नेगी, मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत, विथ्याणी महाविद्यालय प्राचार्य योगेश कुमार शर्मा आदि मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pokhriyal

   

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