गुलदार और भालू की दहाड से साम ढलते ही छा जाता है सन्नाटा

उत्तरकाशी, 25 नवंबर (हि.स.)। पहाड़ों में इन दिनों साम ढलते ही भटवाडी़, डुंडा, ब्रह्मखाल के आसपास के गांवो और बस्तियों में गुलदार का दहाड़ना भय और चर्चा का विषय बना है। ब्रह्मखाल बाजार के निचले हिस्से और गेंवला गांव में तो साम ढलते ही बाघ बस्ती के नजदीक आकर घुर्राने लगता है, जिससे ग्रामीण दहसत में आकर घरों में कैद हो जा रहे है।

चौक चौबारों में सूरज छिपते ही सन्नाटा छा जाने लगा है। यूं तो पहाडी क्षेत्रों में गुलदार का दिखाई देना सामान्य घटना है मगर जब यह खतरनाक जानवर बस्तियों के नजदीक आ जाता है तो अनहोनी का खतरा बना रहता है। कुछ दिन पहले एक गुलदार ब्रह्मखाल के पास बदाली यमनोत्री राजमार्ग पर लोगों को बैठा दिखाई दिया, जिसकी चित्र खूब वायरल भी हुआ। इसी जगह दो साल पहले बघेरे ने पैंथर के एक युवक को मारा था। गेंवला गांव से तो गांव के अंदर तक बघेरा रात को दिखाई दे रहा है। पिछले कुछ ही दिन पूर्व गांव के समीप गुलदार ने दो मबेसियों को अपना निवाला बनाया था।

क्षेत्र के स्यूपुरी, मलदोडी, सकराली, पंयासारी और तलोग तक के कस्बों में इस गुलदार का आंतक छाया आक्रोस है कि वन विभाग गहरी नींद मे सोया हुआ है और किसी बड़ी अनहोनी के इंतजार में है। ग्राम प्रधान गिरीराज सिंह रावत और क्षेत्र पंचायत सदस्य अनिल रावत ने गहरी चिंता जताते हुये कहा कि वन बिभाग के कर्मि क्षेत्र मे तो कभी दिखते तक नही है और ना ही उन्हे इन जंगली जानवरों के होने वाले नुकसान कोई लेना देना है क्योकि गेंवला गांव मे पिछले ही माह जंगली सुंवरो ने सारी फसल को तहस नहस कर दिया था मगर सूचना देने के वावजूद भी कोई वन कर्मी नहीं आये।

यदि सीघ्र ही गुलदार को बस्ती से यदि जल्दी ही दूर नहीं भगाया गया तो किसी बडी घटना को वह अंजाम भी दे सकता है। उधर भटवाडी़ ब्लॉक में आये दिनों भालू के हमले देखने को मिल रहा । मानव पर तो हमले हो ही रहे इस बार तो एक दर्जन भेड़ बकरी समेत गाय बैलों पर हमला करने बवाली भालू छानियों में घुस रहा है जिससे लोग दहशत में है।

हिन्दुस्थान समाचार / चिरंजीव सेमवाल

   

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