निर्मल संतपुरा में मनाया गया खालसा का नववर्ष व होला मोहल्ला

हरिद्वार, 15 मार्च (हि.स.)। कनखल स्थित निर्मल संतपुरा आश्रम गुरुद्वारे में नानकशाही संवत् 557वां नववर्ष, खालसा का महान पर्व होला मोहल्ला और चैत्र माह की संक्रांत मनाई गई। इस दौरान रहरास साहिब पाठ, शब्द कीर्तन व कथा का आयोजन भी किया गया।

इस अवसर पर आश्रम के परमाध्यक्ष संत जगजीत सिंह शास्त्री ने सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि नानक शाही के अनुसार सिक्ख धर्म का नया वर्ष शुरू हो गया है। नववर्ष का स्वागत गुरु महाराज का नाम लेकर और कीर्तन, शब्द कथा का स्मरण कर करना चाहिए, जिससे सभी के दुख दूर हों और सुखमय जीवन व्यतीत हो। उन्होंने कहा गुरु महाराज के चरणों में बैठकर अरदास करनी चाहिए। जो समय बीत गया उसकी क्षमा मांगकर प्रभु से आगे के लिए खुशियां मांगे। होली बुराई पर अच्छाई की जीत है। यही होला मोहल्ला का भी संदेश है।

गुरु गोबिंद सिंह महाराज ने बुराइयों को दूर करने के लिए आनंदपुर साहिब में होला मोहल्ला प्रारंभ किया, जिसे पूरी श्रद्धा के साथ मनाते हैं।

उन्होंने कहा कि अपने कर्मों के अनुसार प्रभु के नाम से जुड़ो। मनुष्य को सबकुछ तभी प्राप्त होगा जब प्रभु से जुड़ेंगे। मन को शांति गुरु महाराज के चरणों से जुड़कर ही मिलेगी। हर महीने के अनुसार गुरु महाराज ने जीवन यापन के बारे में बताया है। चैत्र का महीना मीठा महीना होता है। प्रकृति आनंदमई हो जाती हैं।

कार्यक्रम में संत मंजीत सिंह, संत तरलोचन सिंह, अपनिंदर कौर, हरविंदर सिंह, सरबजीत कौर, महिंद्र सिंह, नैनी महेंद्रू, जसविंदर सिंह, गगनदीप सिंह, रविंद्र सिंह, परमिंदर सिंह, जसकरण सिंह, इंदरजीत सिंह बिट्टू, सुमन, अमरीक सिंह, सतविंदर सिंह आदि सैकड़ों श्रद्धालुगण उपस्थित थे।

/ Satyawan

   

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