प्रधानमंत्री 6 मार्च को उत्तराखंड के मुखीमठ में करेंगे मां गंगा की पूजा, सभी तैयारियां पूरी

गंगा जी के शीतकालीन गद्दी मुखबा में करेंगे पूजा, फिर हर्षिल का  दीदार।।

उत्तरकाशी, 5 मार्च (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उत्तराखंड दौरे की दिन तय हाे गया है। प्रधानमंत्री माेदी 6 मार्च को उत्तरकाशी जिले

में मां गंगा के शीतकालीन प्रवास (मुखीमठ) मुखवा पहुंचेंगे। मोदी यहां गंगा पूजा के अलावा कई कार्यक्रमों में शामिल होने के अलावा हर्षिल

में लोगों को संबोधित भी करेंगे। इसके लिए जिला प्रशासन व श्री पांच मंदिर गंगोत्री समिति ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।

तय कार्यक्रम के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को मां गंगा के शीतकालीन प्रवास (मुखीमठ) मुखवा पहुंचकर पूजा-अर्चना करेंगे।इसके बाद प्रधानमंत्री यहां मुखबा व्यू प्वाइंट से ही हिमालय के दर्शन करेंगे। इसके बाद हर्षिल पहुंचकर विंटर टूरिज्म पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन करेंगे। जहां बाइक रैली को हरी झंडी दिखाएंगे। इसके बाद हर्षिल में एक कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहेंगे।

इस संबंध में उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गुरुवार काे एक दिवसीय दौरे को लेेकर जिला प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी सहित तमाम आला अधिकारी तैयारियाें की समीक्षा की है। प्रधानमंत्री के आगमन काे देखते हुए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।

स्थानीय पांच मंदिर समिति गंगोत्री धाम के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि पांच मंदिर समिति ने प्रधानमंत्री के आगमन पर गंगाजी की विशेष पूजा अर्चना की तैयारी की है। प्रधानमंत्री यहां का एक विशेष पारंपरिक परिधान पहनेंगे और मां गंगा के चरण पादुका पर बैठ कर मां गंगा की पूजा अर्चना करेंगे। गंगा पूजन के दौरान गंगा सहस्त्रनाम पाठ, गंगा लहरी पाठ ,गंगा की पूजा के बाद मां गंगा भोग (प्रसाद) लगेगा। इस मौके पर स्थानीय लोग नृत्य प्रस्तुत करेंगे। सीमांत ग्राम्य उद्योगक के प्रबंधक कमल सिंह नेगी ने बताया कि जिला प्रशासन ने प्रधानमंत्री के लिए स्लेटी व बादामी रंग के ऊनी कपड़े तैयार करवाएं गए हैं।

स्थानीय तीर्थपुरोहितों का मानना है कि प्रधानमंत्री के इस दौरे से इलाके में शीतकालीन यात्रा को और अधिक गति मिलने की उम्मीद है। इससे न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इससे उत्तराखंड में स्थानीय अर्थव्यवस्था, होमस्टे, पर्यटन व्यवसाय और सीमावर्ती गांवों के विकास को भी गति मिलने की उम्मीद है।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले 26 फरवरी को प्रधानमंत्री उत्तराखंड आने का कार्यक्रम था, लेकिन मौसम खराब होने की वजह से यह दौरा टाल दिया गया था।

हिन्दुस्थान समाचार / चिरंजीव सेमवाल

   

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