हिसार: उद्योगों के लिए ‘फ्यूल’ का काम करता डेटा विश्लेषण : प्रो. नरसी राम बिश्नोई
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- Mar 20, 2025

‘डेटा एनालिटिक्स विथ पायथन: अनलॉकिंग द पावर ऑफ डेटा’ विषय पर कार्यशाला शुरू
हिसार, 20 मार्च (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि डेटा विश्लेषण उद्योगों के लिए ‘फ्यूल’ का काम करता है। विकसित भारत @2047 के उद्देश्य को पूरा करने में गुणवत्तापूर्ण डेटा विश्लेषण की अहम भूमिका रहेगी। वर्तमान डिजिटल युग में डेटा विश्लेषण स्वास्थ्य सेवाएं, वित्त, वाणिज्य, उत्पादन तथा प्रबंधक आदि सभी क्षेत्रों में प्रमुख क्षेत्र बनकर उभरा है।
कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई गुरुवार को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड डेटा साइंस विभाग के सौजन्य से ‘डेटा एनालिटिक्स विथ पायथन: अनलॉकिंग द पावर ऑफ डेटा’ विषय पर शुरु हुई पांच दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि गूगल, अमेजॉन, माइक्रोसॉफ्ट, टेसला आदि दुनिया की सर्वाधिक सफल कंपनियों ने डेटा विश्लेषण की अपनी महारथ के आधार पर ही यह मुकाम हासिल किया है। डेटा विश्लेषण से उपभोक्ता के व्यवहार, भविष्य की चुनौतियों तथा व्यापार संबंधी निर्णयों को समझने में मदद मिलती है। भारत ने भी डेटा विश्लेषण की महत्ता को समझ लिया है, जिसके चलते डिजिटल इंडिया मिशन, आधार एंड डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी), नेशनल डेटा एंड एनालिटिक्स प्लेटफॉर्म (एनडीएपी), आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन हैल्थ केयर, स्मार्ट सिटी मिशन तथा एग्रीकल्चर एंड एआई जैसे महत्वपूर्ण अभियानों व कार्यक्रमों की शुरूआत की है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे अपनी कौशल वृद्धि के लिए विश्वविद्यालय द्वारा शुरू किए गए लघु अवधि कोर्सों का भी फायदा उठा सकते हैं। ये कोर्स उन्हें भविष्य में सम्मानित रोजगार देने में सहायक साबित होंगे। कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने इस अवसर पर सभागार के सामने पौधारोपण भी किया।
विश्वविद्यालय के चौधरी रणबीर सिंह सभागार में हुई इस कार्यशाला में डीन फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड डेटा साइंस प्रो. संदीप आर्य विशिष्ट अतिथि थे। अध्यक्षता कार्यशाला के संयोजक एवं विभागाध्यक्ष प्रो. धर्मेंद्र कुमार ने की। विशिष्ट अतिथि प्रो. संदीप आर्य ने अपने स्वागत सम्बोधन में कहा कि कार्यशाला का विषय एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है। सही डेटा विश्लेषण उद्योगों के लिए एक बड़ी पूंजी है, जो सही निर्णय लेने में मदद करती है। संयोजक प्रो. धमेन्द्र कुमार ने बताया कि सैद्धांतिक ज्ञान व औद्योगिक मांग की दूरी को पूरा करने में यह कार्यशाला एक ब्रिज का काम करेगी। सह-संयोजक डॉ. अमनदीप ने कार्यशाला के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कार्यशाला के सत्रों की सारणी तथा उद्देश्य के बारे में बताया जबकि सह-संयोजक डॉ. सुनील ने धन्यवाद किया।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर