वैशाख मासिक शिवरात्रि व्रत 26 अप्रैल शनिवार को

Rohit


जम्मू, 24 अप्रैल । ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान शिव हैं और प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। वैशाख मासिक शिवरात्रि के विषय में श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं ज्योतिषाचार्य महंत रोहित शास्त्री ने बताया कि इस वर्ष वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 26 अप्रैल, शनिवार को प्रातः 8:28 बजे आरंभ होकर 27 अप्रैल, रविवार को प्रातः 4:50 बजे समाप्त होगी। अतः निशीथ काल की पूजा 26 अप्रैल, शनिवार को होगी, इसलिए इस दिन वैशाख मासिक शिवरात्रि का व्रत मनाया जाएगा।

निशीथ पूजा का मुहूर्त : रात्रि 11:55 बजे से 12:48 बजे तक रहेगा। चूंकि यह तिथि शनिवार को पड़ रही है, अतः इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है। इस दिन शिव मंदिरों में प्रातःकाल से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगती है। पूजन विधि : विधिपूर्वक व्रत करने वाले भक्त गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद, पुष्प, शुद्ध वस्त्र, बिल्व पत्र, धूप, दीप, नैवेद्य, चंदन, ऋतुफल, आक-धतूरे के पुष्प, चावल आदि से शिवलिंग का अभिषेक करें। रात्रि जागरण करते हुए शिवपुराण, रुद्राभिषेक, शिव कथा, शिव स्तोत्रों तथा 'ॐ नमः शिवाय' का पाठ करें। इससे अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्यफल प्राप्त होता है और व्रती को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

शिव पूजा पापों का क्षय करती है। विशेष रूप से महिलाओं के लिए शिवरात्रि अत्यंत फलदायक मानी जाती है। अविवाहित महिलाएं योग्य वर प्राप्ति हेतु शिव से प्रार्थना करती हैं, जबकि विवाहित स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु और परिवार की समृद्धि हेतु व्रत रखती हैं।

   

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