वसुंधरा केवल झालावाड़ की नहीं, पूरे राजस्थान के हित की बात करें : गहलोत
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- Apr 11, 2025

जयपुर, 11 अप्रैल (हि.स.)। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्वी राजस्थान नहर परियाेजन और पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर निशाना साधा। गहलोत ने कहा कि राजे दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री रहीं है, इन प्रोजेक्ट्स का पूरा अध्ययन किया है। अगर वसुंधरा राजे में राजनीतिक ईमानदारी है तो प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर पीकेसी और ईआरसीपी के नए एग्रीमेंट के बारे में बताएं। नई पीकेसी में दम है या उनके समय की ईआरसीपी में, स्पष्ट करें। हमने सरकार में उनके प्रस्ताव को आगे बढ़ाया, कोई छेड़छाड़ नहीं की। वसुंधरा केवल झालावाड़ नहीं, पूरे राजस्थान के हितों की बात करें।
गहलोत जयपुर में महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती के अवसर पर 22 गोदाम स्थित प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने पहुंचे थे।
यहां उन्होंने पत्रकारों से बातचीत की। गहलोत ने कहा कि वसुंधरा राजे खुद कह रही हैं कि अगले नौ साल तक कुछ होने वाला नहीं है। ऐसे में जनता को बेवकूफ क्यों बना रहे हैं? उन्हें मालूम है पीकेसी और ईआरसीपी के नए एमओयू में दम नहीं है। अगर राजे में राजनीतिक ईमानदारी है तो प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर स्पष्ट करें कि नई पीकेसी में दम है या उनके समय बनी ईआरसीपी में?
उन्होंने कहा कि राजे से मेरी शिकायत ये है कि वे दो बार मुख्यमंत्री रही हैं, लेकिन सिर्फ झालावाड़ की बात कर रही हैं। ये गलत है।
गहलोत ने कहा कि छुआछूत मानवता पर कलंक है। अलवर के राम मंदिर में ज्ञानदेव अहूजा के गंगाजल छिड़काव प्रकरण पर गहलोत का कहना था कि हम सबने इसकी निंदा की है। 21वीं सदी में छुआछूत मानवता पर कलंक है। भाजपा को आगे आकर इसके खिलाफ अभियान चलाना चाहिए। पूरा देश भाजपा की विचारधारा से तंग है। हम छुआछूत को समाप्त करके रहेंगे।
गहलोत ने कहा कि अगर दलित, आदिवासी और ट्राइबल सभी हिंदू हैं, तो छुआछूत की जिम्मेदारी किसकी है? ये घटना पूरे देश के लिए शर्म की बात है। लोग पुतले जला रहे हैं, निंदा कर रहे हैं और इसे केवल दलित विरोधी नहीं, बल्कि मानवता विरोधी मान रहे हैं। ये 21वीं सदी है और आज भी अगर किसी दलित नेता के मंदिर जाने के बाद वहां गंगाजल से शुद्धिकरण किया जाए, तो ये साफ दर्शाता है कि मनुवादी सोच आज भी जिंदा है।
गहलोत ने कहा कि यदि भाजपा के नेता सचमुच दलितों और आदिवासियों को हिंदू मानते हैं, तो उन्हें आगे आकर देशभर में छुआछूत के खिलाफ अभियान चलाना चाहिए। हिन्दुओं में आपस में छुआछूत हो रही है, यह जिम्मेदारी समाज की है और भाजपा को इसमें सहयोग करना चाहिए। ये जो घटनाएं हो रही हैं–मंदिर में जाने पर शुद्धिकरण, भेदभाव – ये बीजेपी की मानसिकता को उजागर करती हैं। अगर यह आरोप गलत है, तो बीजेपी को सामने आकर कहना चाहिए कि वे छुआछूत के खिलाफ हैं। अगर वे चुप हैं, तो इसका मतलब साफ है कि इस मानसिकता में वे भी शामिल हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित