पचास ग्रामीणाें पर दर्ज हाे चुके मुकदमें, पर आंदाेलन पर डटे हैं ग्रामीण
- Admin Admin
- Mar 22, 2025

विद्युत सब स्टेशन और पिटकुल के विरोध में रुद्रपुर के ग्रामीणाें का आंदाेलन
रुद्रप्रयाग, 22 मार्च (हि.स.)। केदारनाथ विधानसभा के रुद्रपुर गांव में 220 केवि विद्युत सब स्टेशन के विरोध में ग्रामीणों का आंदोलन जारी रहा। ग्रामीणों ने शासन, प्रशासन और पिटकुल पर फर्जी तरीके से गोचरान भूमि कब्जाने का आरोप लगाया है। कहना है कि, वह अपनी भूमि का एक टुकड़ा भी पिटकुल को नहीं देंगे। वहीं, पिटकुल के अधिकारियों का कहना है कि निर्माण कार्य के लिए सभी प्रक्रियाएं पूरी की जा चुकी हैं। यहां विद्युत सब स्टेशन बनने से आने वाले समय में केदारनाथ रोपवे का संचालन किया जाना है।
जनपद रुद्रप्रयाग में मंदाकिनी नदी, काली गंगा और मधु गंगा पर 99.5 मेगावाट क्षमता की चार जल विद्युत परियोजनाएं प्रस्तावित हैं, जिसमें तीन परियोजना का कार्य पूरा हो चुका है और बिजली उत्पादन भी हो रहा है। इन परियोजनाओं की बिजली को संरक्षित करने के लिए वर्ष 2013 में केदारघाटी के रुद्रपुर गांव में भूमि चिह्नित की गई थी। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि, पिटकुल ने फर्जी तरीके से अनापत्ति लेकर उनकी गोचरान भूमि को अपने नाम कर दिया है। बीते 18 मार्च को पिटकुल के अधिकारी जैसे ही चिह्नित भूमि का निर्माण कार्य के लिए पहुंचे तो रुद्रपुर के ग्रामीणों ने आंदोलन शुरू कर दिया।
इस दौरान कार्यदायी संस्था को पुलिस और प्रशासन की मदद लेनी पड़ी। पुलिस द्वारा 50 से अधिक लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किए गए, पर आंदोलनकारी अब भी डटे हुए हैं। इधर, आंदोलन पांचवे दिन भी जारी है। ग्रामीण गणेश शुक्ला, जयनारायण नौटियाल, अंकित शुक्ला, त्रिभुवन चौहान, मोहित डिमरी आदि का कहना है कि शासन, प्रशासन और कार्यदायी संस्था ग्रामीणों को डरा-धमकाकर विद्युत सब स्टेशन का निर्माण करने पर आमादा है, जो उन्हें मंजूर नहीं है।
इधर, केदारनाथ विस के पूर्व विधायक मनोज रावत ने कहा कि वह जनता के हर कदम पर साथ हैं। वहीं, पिटकुल के अधिशासी अभियंता हिमांशु चौहान ने बताया कि ग्रामीणों के साथ विद्युत सब स्टेशन निर्माण को लेकर पूर्व में कई बिंदुओं पर सहमति बनी थी। अब, ग्रामीण क्यों विरोध कर रहे हैं, समझ से परे है। उन्होंने बताया कि विद्युत सब स्टेशन के निर्माण होने पर यहां क्षेत्र में निर्मित व निर्माणाधीन जल विद्युत परियोजनाओं की बिजली संरक्षित होनी है। साथ ही जिले में लो-वोल्टेज व ट्रिपिंग से भी निजात मिलेगी। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि इस विद्युत सब स्टेशन के संचालन से ही केदारनाथ रोपवे का संचालन हो सकेगा।
हिन्दुस्थान समाचार / दीप्ति