--- विंध्यधाम में नववर्ष पर आस्था का सैलाब
मीरजापुर, 1 जनवरी (हि.स.)।
नए साल के पहले दिन बुधवार को विंध्याचल धाम में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। माँ विंध्यवासिनी के दरबार में देशभर से आए भक्तों ने दर्शन कर आशीर्वाद लिया और साल की शुरुआत शुभकामनाओं के साथ की।
मंदिर प्रांगण में घंटियों की गूंज और श्रद्धा के स्वर सुनाई दिए, जो आध्यात्मिक माहौल को और पवित्र बना रहे थे। नववर्ष की पूर्व संध्या पर ही श्रद्धालु विंध्याचल धाम पहुंचने लगे थे। आधी रात के बाद मंदिर के कपाट खुलते ही दर्शन के लिए लंबी कतारें लग गईं। हर उम्र के लोग बच्चे, युवा और बुजुर्ग माँ विंध्यवासिनी के चरणों में शीश नवाने पहुंचे।
माँ विंध्यवासिनी के चरणों में उमड़ी इस आस्था की भीड़ ने यह दिखा दिया कि नववर्ष का स्वागत केवल उत्सव से नहीं, बल्कि आशीर्वाद और शुभकामनाओं से करना ही भारतीय परंपरा है।
विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन
मंदिर समिति की ओर से नववर्ष के अवसर पर विशेष पूजा और हवन का आयोजन किया गया। सुबह चार बजे मंगल आरती के बाद भक्तों के लिए मंदिर के कपाट खोले गए। दिनभर मंत्रोच्चार और भजन-कीर्तन का आयोजन हुआ।
प्रसाद और भंडारे की व्यवस्था
श्रद्धालुओं के लिए मंदिर परिसर में विशेष भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस दौरान स्वच्छता और व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा गया।
भक्तों की उम्मीद और प्रार्थना
श्रद्धालु अपनी-अपनी मन्नतें लेकर मंदिर आए। किसी ने स्वास्थ्य की कामना की, तो किसी ने परिवार की सुख-शांति के लिए प्रार्थना की। एक भक्त, प्रयागराज निवासी सीमा वर्मा ने कहा कि माँ विंध्यवासिनी के दर्शन के बिना हमारा नया साल अधूरा है। यहाँ आकर असीम शांति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
पुलिस और प्रशासन की चुस्त व्यवस्था
नए साल पर भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। पुलिस और प्रशासन ने ट्रैफिक नियंत्रण और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष प्रबंध किए।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
विंध्याचल धाम न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। यहाँ नए साल की शुरुआत केवल आस्था का प्रदर्शन नहीं, बल्कि जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने का प्रतीक है।
हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा