पश्चिम बंगाल के सीईओ के चयन में असमंजस, कार्यवाहक के रूप में दिव्येंदु दास को कार्यभार
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- Jan 01, 2025
कोलकाता, 1 जनवरी (हि.स.) । पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के पद पर अभी तक स्थायी नियुक्ति नहीं हो पाई है। आरिज़ अफ़ताब के हाल ही में सेवानिवृत्त होने के बाद वरिष्ठ अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी दिव्येंदु दास को कार्यवाहक सीईओ के रूप में जिम्मेदारी दी गई है।
अफताब, जो 1991 बैच के आईएएस अधिकारी थे, मंगलवार को सेवानिवृत्त हुए। पश्चिम बंगाल सीईओ कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि दिव्येंदु दास, जो राज्य के वरिष्ठतम अतिरिक्त सीईओ हैं और पहले भी कार्यवाहक सीईओ के रूप में काम कर चुके हैं, को अस्थायी रूप से यह जिम्मेदारी दी गई है।
स्थायी सीईओ के चयन में असमंजस की स्थिति बनी हुई है क्योंकि पश्चिम बंगाल सरकार ने अभी तक राज्य कैडर के आईएएस अधिकारियों की सूची चुनाव आयोग (ईसीआई) को नहीं भेजी है। नियमानुसार, ईसीआई को राज्य सरकार द्वारा भेजे गए अधिकारियों के पैनल से एक नाम चुनना होता है।
अधिकारियों का कहना है कि यह एक असामान्य स्थिति है क्योंकि आमतौर पर निवर्तमान सीईओ की सेवानिवृत्ति से पहले ही पैनल भेज दिया जाता है। अब यह ईसीआई पर निर्भर करता है कि वह राज्य सरकार द्वारा सूची भेजे जाने का इंतजार करेगा या मुख्य सचिव मनोज पंत को तत्काल कार्रवाई के लिए कहेगा।
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अफ़ताब का कार्यकाल
फरवरी 2017 में सीईओ के रूप में कार्यभार संभालने वाले आरिज़ अफ़ताब पश्चिम बंगाल के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले सीईओ में से एक थे। उनके कार्यकाल के दौरान राज्य ने तीन प्रमुख चुनाव देखे—2019 और 2024 के लोकसभा चुनाव और 2024 के विधानसभा चुनाव।
अफ़ताब का कार्यकाल ज्यादातर विवादों से मुक्त रहा। विशेष रूप से 2024 के आम चुनाव से पहले, उनकी भूमिका की सराहना की गई, जब उन्होंने जिला मजिस्ट्रेटों, पुलिस अधीक्षकों और पुलिस आयुक्तों को सख्त निर्देश दिए थे कि वे राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति में गिरावट बर्दाश्त नहीं करेंगे।
हालांकि, उनके पदभार संभालने के समय कुछ विवाद हुए थे। ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा भेजे गए पहले दो पैनलों को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया था। आखिरकार, तीसरी सूची में से अफ़ताब का चयन किया गया।
अब देखना यह है कि राज्य सरकार स्थायी सीईओ के चयन के लिए कितनी तेजी से पैनल भेजती है और चुनाव आयोग इस मामले को कैसे आगे बढ़ाता है।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर