हिसार : पत्नी काे प्रताड़ित करने व गर्भपात करवाने वाला सरपंच बर्खास्त

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद प्रशासन ने सरपंच को पद से बर्खास्त किया

पत्नी के अपहरण व प्रताड़ना सहित कई आरोप, पत्नी ने लड़ी लंबी लड़ाई

हिसार, 24 जनवरी (हि.स.)। जिले के नजदीकी गांव के सरपंच ने लव मैरिज की लेकिन

अपनी पत्नी को प्रताड़ित करना अपहरण करने व उसका गर्भपात करवाना महंगा पड़ गया। उपायुक्त

अनीश यादव ने आरोपी सरपंच को पद से हटा दिया है। इसके लिए उसकी पीड़ित पत्नी को लंबी

कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी। बताया जा रहा है कि सरपंच ने कोर्ट में केस होने की दलील देकर

बचने की कोशिश भी की लेकिन हाईकोर्ट की तरफ से सरपंच पद से हटाने के लिए कोई रोक न

होने पर उपायुक्त ने हरियाणा पंचायती राज एक्ट-1994 पंचायत अधिनियम 51 के तहत उसे सरपंच

के पद से बर्खास्त कर दिया। उपायुक्त ने आदेशों में कहा है कि सरपंच पर संगीन धाराओं

के तहत केस हैं, जो इस एक्ट में उसे पद से हटाने का अधिकार देता है।

हटाए गए सरपंच की पीड़ित पत्नी ने बताया कि सुनील उसे एक केस के सिलसिले में

मिला। जान-पहचान के दौरान सुनील ने कहा कि वह एक वकील है। हालांकि, उसने तब झूठ बोला,

क्योंकि उस समय वह एलएलबी की पढ़ाई कर रहा था। इसके बाद 2018 में उनके बीच मुलाकातें

बढ़ गईं। महिला के अनुसार हम एक ही जाति से हैं। सब कुछ देखते हुए मैंने सुनील से

2021 में लव मैरिज कर ली। इसके बाद सुनील रायपुर गांव का सरपंच बन गया। शादी के बाद

सुनील मुझे परिवार से अलग रखने लगा। उसके परिवार को इसकी जानकारी थी। इसके बाद वह धीरे-धीरे

मारपीट करने लगा और 15 तोले सोना, कार दहेज में लाने की बातें करने लगा।

महिला ने बताया कि हर लड़की की तरह उसके मन में चाहत थी कि उसका घर बसना चाहिए।

वह एक साल तक सब कुछ झेलती रही। इसी दौरान सुनील कुमार ने उसका गर्भपात तक कराया। जब

ये सब चीजें होने लगीं तो उसने हिसार के सिविल लाइन थाने में शिकायत दी। इस पर सुनील

कुमार पर 17 नवंबर 2022 को विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया। इसके बाद एक जुलाई

2023 को सिविल लाइन थाने में सरपंच सुनील कुमार और प्रमोद नाम के व्यक्ति पर अपहरण,

धमकाने सहित कई धाराओं के तरह केस दर्ज हुआ था।

पीड़िता के अनुसार वर्ष 2022 में केस दर्ज होने के बाद जिला प्रशासन की ओर

से सरपंच को कारण बताओ नोटिस जारी किया, जिसमें सरपंच ने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद

बताया। सरपंच की ओर से इस केस को खारिज करने के लिए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में

याचिका भी लगाई जो आज भी विचाराधीन है। नोटिस के जवाब में सरपंच प्रशासन को कोई ठोस

सबूत नहीं दे पाया।

इसके बाद जिला प्रशासन ने सरपंच और उसकी पत्नी को व्यक्तिगत सुनवाई के लिए

दो दिन पूर्व 22 जनवरी को अपना पक्ष या सबूत रखने के लिए सुबह 11 बजे बुलाया। दोनों

पक्ष सुनवाई में आए। इस दौरान पीड़िता ने कहा कि कानून के अनुसार दोषी के खिलाफ कार्रवाई

की जाए। सरपंच को पद से बर्खास्त किया जाए, क्योंकि उसने जघन्य अपराध किया है। पीड़िता

ने प्रशासन के सामने गर्भपात से संबंधित सबूत भी दिखाए।

इसके बाद सरपंच से पूछा गया कि उसे कुछ कहना है। इस पर सरपंच ने प्रशासन के

सामने हाईकोर्ट में केस की दलील दी। सुनील कुमार ने कहा कि उसके विरूद्ध जो 2022 में

केस दर्ज हुआ था, जिसका ट्रायल सेशन कोर्ट हिसार में चल रहा था। इस पर माननीय हाईकोर्ट

ने ट्रायल कोर्ट को अंतिम आदेश पारित करने पर रोक लगाई हुई। प्रशासन ने पूछा कि क्या

हाईकोर्ट ने सरपंच पद से न हटाने के लिए भी आदेश दिए हैं? इस पर सरपंच ने कहा कि नहीं,

ऐसे कोई आदेश नहीं दिए गए। इसके बाद उपायुक्त ने सरपंच को पद से हटाने के आदेश पारित

कर दिए।

पीड़िता का दो बार गर्भपात हुआ : वकील

वकील करण सिंह ने शुक्रवार को बताया कि पीड़िता से सरपंच मारपीट करता था। जब

वह गर्भवती हुई तो सरपंच ने गर्भ गिराने वाली गोलियां जबरन उसे खिलाईं। गर्भधारण के

दौरान पीड़िता ने अल्ट्रासाउंड भी करवाया था। इसके बाद दूसरी बार भी वह गर्भवती हुई।

जब इसका पता पहुंची चला तो उसने पीडिता से मारपीट की और पेट में मुक्के मारे, जिससे

उसका दूसरी बार गर्भपात हो गया। इसके बाद पीड़िता जब मायके आ गई तो वहां उसे धमकाया,

अपहरण करने की कोशिश की गई। इसी मामले में प्रशासन व पुलिस ने यह कार्रवाई की है।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

   

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