भारत की हरी झंडी के बाद विश्व बैंक नेपाल के 1063 मेगावाट क्षमता वाले जलविद्युत परियोजना में ऋण देने को तैयार

काठमांडू, 30 जनवरी (हि.स.)। नेपाल के अपार अरूण जलविद्युत परियोजना के निर्माण के लिए विश्व बैंक ने ऋण देने पर अपनी सहमति दे दी है। भारत की तरफ से विश्वबैंक को हरी झंडी मिलने के बाद 1063 मेगावाट क्षमता वाली यह हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के निर्माण का रास्ता खुल गया है।

विश्व बैंक द्वारा भारत सरकार को लिखे गए पत्र का सकारात्मक जवाब मिलने के साथ ही नेपाल की एक बड़ी हाइड्रोपावर परियोजना के निर्माण का रास्ता खुल गया है। नेपाल के ऊर्जा मंत्री दीपक खड़का ने बताया कि भारत ने विश्व बैंक के पत्र का जवाब दे दिया है, जिसके बाद विश्व बैंक की तरफ से नेपाल सरकार को इसकी औपचारिक जानकारी दे दी गई है।

दरअसल, इस हाइड्रोपावर के निर्माण के बाद भारत की तरफ से यह बिजली खरीदी जाने को लेकर विश्व बैंक आश्वस्त होना चाह रहा था। भारत सरकार ने नेपाल से बिजली खरीदने के लिए यह नियम बनाया है कि वो सिर्फ भारत सरकार और भारतीय निजी कंपनियों के निवेश की ही बिजली खरीदेगा।

विश्व बैंक ने नेपाल के 1063 मेगावाट बिजली क्षमता वाले अपर अरूण हाइड्रोपावर कंपनी में 2850 करोड़ रुपये का ऋण देने की स्वीकृति दी है। इतने बड़े निवेश के बाद बिजली निर्यात पर भारत के सकारात्मक जवाब के साथ ही अब ऊर्जा मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के साथ विश्व बैंक के नेपाल प्रतिनिधियों की बैठक में निवेश संबंधी समझौता करने की तैयारी की गई है।

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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास

   

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