जयपुर, 20 जनवरी (हि.स.)। आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में यजन-2025 के अंतर्गत नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में संपन्न हुआ। इस धार्मिक अनुष्ठान में करीब 250 श्रद्धालुओं ने तीन पारियों में आहुतियां अर्पित कर पुण्य अर्जित किया।
गायत्री तीर्थ शांतिकुंज, हरिद्वार से आए विद्वानों ने यज्ञीय जीवन पद्धति के महत्व पर प्रकाश डाला और यज्ञ में आहुतियां अर्पित करवाईं। यजन-2025 का शुभारंभ गुरु वंदना के साथ हुआ। इसके बाद वेदमाता, देवमाता, विश्वमाता गायत्री, गोविंद देवजी और गुरू सत्ता का सोडशोपचार पूजन किया गया।
अग्नि प्रज्ज्वलन के बाद गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र, सूर्य गायत्री और यम गायत्री सहित विभिन्न मंत्रों के साथ विशिष्ट आहुतियां प्रदान की गईं।
मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने ठाकुरजी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर यज्ञ का विधिवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर रोग मुक्ति और पितरों के कल्याण की कामना के साथ विशिष्ट मंत्रों का उच्चारण किया गया।
यज्ञ के दौरान श्रद्धालुओं को श्रेष्ठ पुस्तकों के स्वाध्याय के लिए प्रेरित किया गया। अखंड ज्योति, युग निर्माण योजना जैसी प्रेरक पुस्तकें निशुल्क भेंट की गईं। साथ ही, गायत्री परिवार के संस्थापक पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा लिखित पुस्तकों का स्टॉल लगाया गया, जहां सद् साहित्य को लागत मूल्य पर उपलब्ध कराया गया।
आचार्य पीठ के दिनेश आचार्य ने हमने आंगन नहीं बुहारा कैसे आएंगे भगवान प्रज्ञागीत प्रस्तुत कर मन की शुद्धि का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि जब तक हम अपने मन रूपी आंगन को दोष, दुर्गुण और दुर्भावनाओं से मुक्त नहीं करेंगे, भगवान हमारे हृदय में प्रकट नहीं होंगे।
गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी के सह व्यवस्थापक मणिशंकर चौधरी ने यज्ञ को सत्कर्म का प्रतीक बताते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति के दो निर्माता हैं—यज्ञ पिता और गायत्री माता। यज्ञ की पूर्णाहुति के साथ श्रद्धालुओं ने एक बुराई छोड़ने और एक अच्छाई ग्रहण करने का संकल्प लिया।
अगला नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ 26 जनवरी को सुबह 9 से 11 बजे तक आयोजित होगा।
हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश