येओल ने मार्शल लॉ की घोषणा के बचाव में ट्रंप पर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया
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- Jan 03, 2025
सियोल, 03 जनवरी (हि.स.)। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल पर लटक रही हिरासत की तलवार के बीच उनके विधि विशेषज्ञों ने शुक्रवार को भ्रष्टाचार जांच कार्यालय की जांच के खिलाफ कानूनी बिसात बिछा दी। येओल की कानूनी टीम ने बचाव के रूप में डोनाल्ड ट्रंप पर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला संवैधानिक न्यायालय के समक्ष दिया।
द कोरिया टाइम्स के अनुसार, संवैधानिक अदालत पहुंचे येओल की कानूनी टीम के प्रमुख सदस्य बे जिन-हान ने दावा किया कि अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के फैसले की बिनाह पर यून के महाभियोग मुकदमे में फैसले की जरूरत नहीं है। उन्हें अभियोजन से छूट मिलनी चाहिए। यून के महाभियोग मुकदमे में संवैधानिक न्यायालय में प्रस्तुत एक दस्तावेज में कानूनी टीम ने कहा कि यून ने तीन दिसंबर को मार्शल लॉ घोषित करते समय राष्ट्रीय आपातकालीन स्थिति को संभालने के लिए अपनी उचित राष्ट्रपति शक्ति का प्रयोग किया।
दस्तावेज में लिखा है, मार्शल लॉ छह घंटे में हटा लिया गया था। इसने लोगों के बुनियादी अधिकारों को प्रतिबंधित नहीं किया। यून के पक्ष ने पिछले साल जुलाई में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के फैसले की ओर इशारा किया, जिसमें कहा गया था कि ट्रंप पर उन कार्यों के लिए मुकदमा नहीं चलाया जा सकता जो राष्ट्रपति के रूप में उनकी संवैधानिक शक्तियों के भीतर थे। छह-तीन के फैसले में न्यायाधीशों ने निचली अदालत के फैसले को खारिज कर दिया। निचली अदालत ने ट्रंप के कई आपराधिक आरोपों से छूट के दावे को खारिज कर दिया था।
यून ने कहा है कि उनका मार्शल लॉ लगाना शासन का एक कार्य था और यह अदालत के फैसले के अधीन नहीं हो सकता। संवैधानिक न्यायालय ने कहा कि वह 14 जनवरी को यून के महाभियोग मुकदमे के लिए पहली मौखिक दलील सुनेगा। उल्लेखनीय है कि 14 दिसंबर को नेशनल असेंबली ने यून के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित किया था। संवैधानिक न्यायालय के पास यह निर्धारित करने के लिए 180 दिन तक का समय है कि यून को राष्ट्रपति के पद से हटाया जाए या उनकी शक्तियां बहाल की जाएं। यून पर विद्रोह भड़काने और मार्शल लॉ घोषणा के साथ अपनी राष्ट्रपति शक्ति का दुरुपयोग करने की जांच चल रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद