जामुगुरीहाट में भाजपा युवा मोर्चा ने मनाया शहीद दिवस

शोणितपुर जिले के जामुगुरीहाट में मंगलवार को भाजयुमो द्वारा आयोजित शहीद दिवस पर मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा तथा अन्य नेताओं की तस्वीर।

-अगर कोई कांग्रेस पार्टी को मजबूत करना चाहता है, तो असमिया जाति कमजोर हो जाएगी-मुख्यमंत्री डॉ. सरमा

शोणितपुर (असम), 10 दिसंबर (हि.स.)। भारतीय जनता युवा मोर्चा, असम प्रदेश ने आज शोणितपुर जिले के ऐतिहासिक जामुगुरीहाट के पाकमुरा पथार में केंद्रीय रूप से शहीद दिवस मनाया। 1979 से 1985 तक असम आंदोलन अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को बाहर निकालने और असमिया लोगों के अस्तित्व के लिए एक आंदोलन किया गया। अस्तित्व के इस संघर्ष के दौरान, केंद्र और राज्यों में कांग्रेस सरकार ने असमिया लोगों का क्रूरतापूर्वक दमन किया, 855 असमिया युवाओं को मार डाला और हजारों असमिया लोगों को हमेशा के लिए अपंग बना दिया। असमिया बहू-बेटियों और निर्दोष लोगों को प्रताड़ित किया गया।

आंदोलन की शुरुआत में 10 दिसंबर, 1979 को खड़गेश्वर तालुकदार शहीद हो गए थे। खड़गेश्वर तालुकदार की पवित्र पुण्यतिथि पर शहीद दिवस मनाया जाता है। भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) ने बुधवार को जामुगुरीहाट के ऐतिहासिक पकामुरा मैदान में शहीद दिवस मनाया। समारोह में शोणितपुर और बिश्वनाथ जिले के हजारों लोगों ने भाग लिया। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भबेश कलिता ने अविभाजित शोणितपुर जिले में असम आंदोलन में असम और असमियों की खातिर अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों के परिवारों और पुलिस यातना के शिकार लोगों को औपचारिक रूप से सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने शहीद वेदी पर पुष्प अर्पित किए और वीर शहीदों को याद किया।

मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि खड़गेश्वर तालुकदार ने आज के दिन मां असम के चरणों में अपना बलिदान दिया था। असम आंदोलन के वीर शहीद देश को अपने खून से सींचना चाहते थे और इसे गौरवान्वित करना चाहते थे। असम समझौते के जरिए शहीदों के बलिदान के साथ आंदोलन समाप्त हो गया। कांग्रेस पार्टी लोकप्रिय गोपीनाथ बरदलै द्वारा बनाए गए आधार को नष्ट करके आजादी के बाद से ही असमिया जाति को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। अगर कोई उस कांग्रेस पार्टी को मजबूत करना चाहता है, तो असमिया जाति कमजोर हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार ने स्वदेशी लोगों की सुरक्षा के लिए अथक प्रयास किये हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने गरुखुटी परियोजना शुरू करके संदिग्ध नागरिकों को हटाकर स्वदेशी लोगों के स्वरोजगार के लिए माहौल बनाया है। मैं कचुतली आदिवासी बेल्ट और ब्लॉक की जमीन को संदिग्ध नागरिकों से बचाकर आदिवासी लोगों के भूमि अधिकारों की रक्षा करने की कोशिश कर रहा हूं। पिछले तीन वर्षों में, असम सरकार अतिक्रमित सत्र, नामघर और वन भूमि से 10,000 हेक्टेयर भूमि को खाली कराने में सक्षम रही है। मुख्यमंत्री ने शहीद दिवस के अवसर पर असम के स्वदेशी लोगों से संदिग्ध लोगों को अपनी जमीन नहीं बेचने का आग्रह किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के साथ विधायक मानव डेका, दिगंत घटवार, उत्पल बोरा, प्रमोद बरठाकुर, कृष्ण कमल तांती, गणेश लिम्बू, दिप्लू रंजन शर्मा और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश

   

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