किश्तवाड़ में केसर उत्पादक संकट का कर रहे हैं सामना, सरकार से हस्तक्षेप की मांग

जम्मू, 1 दिसंबर (हि.स.)। नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता और चेनाब घाटी के प्रवक्ता अजीत भगत ने किश्तवाड़ जिले के हलका पोछल क्षेत्र में केसर उत्पादकों की दुर्दशा पर चिंता जताई है। केसर की अपनी अनूठी किस्म के लिए मशहूर इस क्षेत्र में इस साल अपर्याप्त वर्षा के कारण उपज में उल्लेखनीय गिरावट आई है जिससे किसान वित्तीय घाटे से जूझ रहे हैं।

एक प्रेस बयान में भगत ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की सरकार से प्रभावित किसानों को आर्थिक सहायता देने का आग्रह किया। भगत ने कहा केसर उत्पादक अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहे हैं और उन्हें इस मौसम में हुए नुकसान से उबरने के लिए वित्तीय सहायता की सख्त जरूरत है। कृषि विभाग और केसर विकास विभाग किश्तवाड़ की आलोचना करते हुए भगत ने उन पर किसानों के कल्याण की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना के तहत ऋण लेने वाले किसान कथित तौर पर अपने ऋण चुकाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। भगत ने मांग की कि सरकार या तो इन ऋणों को माफ करे या किसानों पर बोझ कम करने के लिए ब्याज दरों को कम करे। उन्होंने केसर के लिए बाजार मूल्य तय करने में देरी की भी आलोचना की, जिससे उत्पादकों के सामने अनिश्चितता बढ़ गई है।

भगत ने चेतावनी दी कि अपर्याप्त समर्थन और खराब रिटर्न के कारण केसर की खेती में किसानों की अरुचि, चिनाब घाटी में इस अनोखे उद्योग के पतन का कारण बन सकती है। यह चिनाब घाटी का एकमात्र क्षेत्र है जहां केसर की खेती होती है। अगर समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो केसर की खेती अतीत की बात बन सकती है।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा

   

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