जम्मू-कश्मीर बटवाल सभा ने पीर रोशन अली शाह की मजार पर चादर चढ़ाई

जम्मू, 1 दिसंबर (हि.स.)।जम्मू-कश्मीर बटवाल सभा के सदस्यों ने सीमावर्ती गांव रंगपुर त्रेवा में पूज्य संत पीर रोशन अली शाह की मजार पर श्रद्धांजलि अर्पित की। पारंपरिक चादर चढ़ाकर उन्होंने विश्व शांति और समृद्धि की कामना की।

श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए आर.एल. कैथ ने संत की विरासत के बारे में जानकारी साझा की, जिसमें बताया गया कि पीर रोशन अली शाह का मूल नाम जलाल उद्दीन जमाल नूरानी मक्का (आर.ए.) था, हालांकि वे नौ-गज-पीर के नाम से लोकप्रिय हैं। वे 17वीं शताब्दी में जम्मू पहुंचे और राजा सरपाल-धर सहित कई लोगों के आध्यात्मिक मार्गदर्शक बन गए।

परंपरा के अनुसार पीर रोशन अली शाह ने अपनी मृत्यु की भविष्यवाणी की और गुमट गेट के पास खुद को आराम दिया। राजा सरपाल-धर सहित उनके समर्पित अनुयायियों ने उन्हें बहुत सम्मान के साथ समाधिस्थल पर दफनाया। बाद में महाराजा रणबीर सिंह ने उनके सम्मान में एक स्थायी कब्र और एक मस्जिद का निर्माण करके इस स्थल को और पवित्र किया जिससे लोगों के बीच संत की स्थायी प्रमुखता सुनिश्चित हुई।

संत को उनके आशीर्वाद के लिए याद किया जाता है। एक लोकप्रिय मान्यता के अनुसार उनकी समाधि पर शरबत चढ़ाने और दीपक जलाने से कठिनाइयाँ दूर होती हैं और मनोकामनाएँ पूरी होती हैं। भक्त उनकी शिक्षाओं और प्रभाव को जीवित रखते हुए इस परंपरा का पालन करना जारी रखते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा

   

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