उपराज्यपाल ने किया जी.एस. झा और मुजामिल रफीकी की पुस्तक ‘हैंडबुक ऑन वाटर सप्लाई’ का विमोचन
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- Oct 07, 2024
श्रीनगर, 07 अक्टूबर (हि.स.)। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आज राजभवन में आयोजित एक समारोह में जी.एस. झा और मुजामिल रफीकी द्वारा लिखित पुस्तक ‘हैंडबुक ऑन वाटर सप्लाई’ का विमोचन किया।
अपने संबोधन में उपराज्यपाल ने जल आपूर्ति योजनाओं के बारे में और उसके संचालन तथा रखरखाव पर विस्तृत विवरण देने और अपनी पुस्तक के माध्यम से प्रभावी जल प्रबंधन के लिए कदम सुझाने के लिए लेखकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि ‘हैंडबुक ऑन वाटर सप्लाई’ जम्मू कश्मीर के दूरदराज और कठिन इलाकों में नल के पानी के कनेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए यूटी प्रशासन द्वारा अपनाए गए नए अभिनव तरीकों को भी दर्शाती है।
उपराज्यपाल ने कहा कि सभी के लिए जल सुरक्षा जम्मू-कश्मीर प्रशासन के प्रमुख उद्देश्यों में से एक रहा है। पिछले चार वर्षों में हमने बुनियादी सुविधाओं में वृद्धि सुनिश्चित की है ताकि प्रत्येक नागरिक को बुनियादी सेवाओं और रहने योग्य वातावरण तक पहुंच मिल सके। उपराज्यपाल ने कहा कि प्रशासन का उद्देश्य शहरों और गांवों को समृद्धि के केंद्र के रूप में विकसित करना है जो आम आदमी की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन इन लक्ष्यों को काफी हद तक हासिल करने में सफल रहा है।
उपराज्यपाल ने कहा कि पिछले चार वर्षों में भेदभाव और अन्याय को समाप्त करके नई उम्मीद जगाने का काम किया गया है। सभी को आनंदमय और समृद्ध जीवन जीने का समान अवसर प्रदान किया गया है। इस अवसर पर उपराज्यपाल ने जम्मू कश्मीर के लोगों से हर घर नल से जल के विजन को साकार करने में सरकार के प्रयासों को पूरक बनाने और जल संसाधनों की सुरक्षा और संरक्षण में मिलकर काम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब जल संसाधन जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, यह सुनिश्चित करना प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है कि तालाब, झीलें, नदियां और अन्य जल निकाय स्वच्छ और सुरक्षित रहें।
उपराज्यपाल ने जल शक्ति विभाग के इंजीनियरों और अधिकारियों को आधुनिक तकनीकी उपकरणों के माध्यम से जल प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने का जिम्मा सौंपा। उन्होंने जल संसाधनों के रखरखाव, बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई, पेयजल आपूर्ति और इंजीनियरिंग समुदाय को नए उपकरण और मार्गदर्शन प्रदान करने में पुस्तक के लेखक और जेएंडके जल संसाधन नियामक प्राधिकरण के पूर्व अध्यक्ष घनश्याम झा के महत्वपूर्ण योगदान की भी सराहना की।
हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह