हरिद्वार, 3 अक्टूबर (हि.स.)। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में उपासना के महापर्व के लिए देश-विदेश से हजारों साधक पहुंचे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस साल कई योग एक साथ बने हैं। नौ दिन तक चलने वाले इस साधना पर्व में साधक 24 हजार गायत्री मंत्र की उपासना के साथ व्यक्तित्व परिष्कार के विभिन्न आध्यात्मिक आयामों को अपने जीवन में उतारेंगे। शांतिकुंज में नवरात्र के प्रथम दिन की शुरुआत ध्यान साधना से हुई।
शांतिकुंज के वरिष्ठ कार्यकर्त्ता ने साधकों को नवरात्र अनुष्ठान के संकल्प के साथ साधना की पृष्ठभूमि से अवगत कराया। प्रथम दिन साधकों ने अपनी दिनचर्या की शुरुआत ध्यान-साधना के साथ हवन से किया। इसके पश्चात् उन्होंने अपनी साधना प्रारंभ की।
शांतिकुंज व्यवस्थापक योगेन्द्र गिरी ने बताया कि शांतिकुंज में नवरात्र अनुष्ठान में साधकों की दिनचर्या में त्रिकाल संध्या का विशेष क्रम जोड़ा गया है। इसके अंतर्गत प्रातः, दोपहर व सायं को एक-एक घंटा समय निर्धारित किया गया है। जिसमें प्रायः सभी साधक सामूहिक रूप से साधना करते हैं। नवचेतना के उद्घोषक व अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या गीता का उपदेश-सार और गीता की महिमा पर साधकों को नौ दिन तक संबोधित करेंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला