त्याग एवं तपस्या की प्रतिमूर्ति थे ब्रह्मलीन लाल बाबा : आनंद भास्कर

हरिद्वार, 08 अक्टूबर (हि.स.)। महामंडलेश्वर स्वामी कपिल मुनि महाराज ने कहा कि संतों का जीवन परमार्थ को समर्पित रहता है। ब्रह्मलीन स्वामी लाल बाबा महाराज ने जीवन पर्यंत भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार किया। राष्ट्र निर्माण और धर्म के संरक्षण, संवर्धन में उनका अतुल्य योगदान हमेशा स्मरणीय रहेगा।

श्रवण नाथ नगर स्थित रामधाम गंगेश्वर धाम में ब्रह्मलीन स्वामी लाल बाबा महाराज के श्रद्धांजलि कार्यक्रम में संत समागम को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी कपिल मुनि महाराज ने कहा कि युवा पीढ़ी को संस्कार बनाने में ब्रह्मलीन स्वामी लाल बाबा द्वारा प्रदान किया गया सहयोग अनुकरणीय रहेगा।

रामधाम गंगेश्वर धाम के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी आनंद भास्कर महाराज ने कहा कि संतों का जीवन निर्मल जल के समान होता है। महत्व लाल बाबा साक्षात त्याग एवं तपस्या के प्रतिमूर्ति थे। स्वामी वेदानंद एवं स्वामी दिव्यानंद महाराज ने कहा कि महापुरुष केवल शरीर त्यागते हैं। समाज कल्याण के लिए उनकी आत्मा सदैव इस धरा पर व्यावहारिक रूप से उपस्थित रहती है। ब्रह्मलीन स्वामी लाल बाबा महाराज महान संत थे। उनके जीवन से प्रेरणा लेकर युवा संतों को राष्ट्र उत्थान में अपना सहयोग प्रदान करना चाहिए।

स्वामी रविदेव शास्त्री एवं महंत सुतीक्ष्ण मुनि महाराज ने कहा कि संतों के उपदेश सदैव प्रेरणा दायक होते हैं। संतों के सानिध्य में आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु भक्त का कल्याण अवश्य ही निश्चित है। ब्रह्मलीन स्वामी लाल बाबा दिव्य महापुरुष थे, जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता। इस अवसर पर बाबा हठयोगी, श्रीमहंत विष्णु दास, महंत दुर्गादास, महंत निरंजन दास, महंत जयेन्द्र मुनी, महंत गुरमीत सिंह, महंत राघवेंद्र दास, महंत सूरज दास सहित कई संत-महापुरुष एवं भक्त उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

   

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