हरियाणा में कई दिग्गजाें की प्रतिष्ठा दांव पर

चुनाव परिणाम से कई सीटाें पर हाे सकता है उलटफेर

निर्दलियाें व क्षेत्रीय दलाें की रहेगी अहम भूमिका

चंडीगढ़, 7 अक्टूबर (हि.स.)। हरियाणा के चुनावी रण में उतरा कौन सा प्रत्याशी विधानसभा में विधायक बनकर पहुंचेगा, इसका फैसला हाेने की घड़ी आ गई है। मंगलवार की दोपहर करीब 12 बजे तक नई विधानसभा के गठन को लेकर तस्वीर लगभग साफ हो जाएगी।

राज्य की 90 सदस्यीय 15वीं विधानसभा के गठन के लिए 5 अक्टूबर को हुए मतदान में करीब 67 प्रतिशत मतदाताओं ने 1031 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला ईवीएम में लाक कर दिया था। दो दिन के गुणा-भाग और जोड़-तोड़ के बीच मंगलवार सुबह आठ बजे से मतों की गिनती शुरू हो जाएगी।

राज्य में करीब तीन से चार दर्जन विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां कांग्रेस व भाजपा उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर है। इन्हीं विधानसभा सीटों पर राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों की हार-जीत तय करेगी कि राज्य में कांग्रेस सत्ता में लौटेगी या फिर भाजपा तीसरी बार सरकार बनाएगी। कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी कुरुक्षेत्र जिले की लाडवा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जिनकी सीट लगभग सेफ है। कांग्रेस ने दावा किया है कि लाडवा सीट फंसी हुई है और यहां कांग्रेस के मेवा सिंह भी जीत सकते हैं। कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा रोहतक जिले की गढ़ी सांपला किलोई से चुनाव लड़ रहे हैं, जिनकी सीट सेफ है। भाजपा को उम्मीद है कि उनकी पार्टी की उम्मीदवार मंजू हुड्डा कोई गेम कर सकती हैं।

नायब सिंह सैनी की सरकार के 13 मंत्रियों में सात की सीट पर खतरा बताया जा रहा है, जबकि तीन मंत्रियों पंडित मूलचंद शर्मा (बल्लभगढ़), महिपाल सिंह ढांडा (पानीपत ग्रामीण) और डाॅ. अभय सिंह यादव (नांगल चौधरी) की सीट खतरे से बाहर बताई जाती है। जिन मंत्रियों की सीट पर खतरा है, उनमें बिजली मंत्री रणजीत चौटाला (रानियां), कृषि मंत्री कंवरपाल गुर्जर (जगाधरी), वित्त मंत्री जेपी दलाल (लोहारू), वन एवं खेल राज्य मंत्री संजय सिंह (नूंह), शहरी निकाय राज्य मंत्री सुभाष सुधा (थानेसर), महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री असीम गोयल (अंबाला शहर) और स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. कमल गुप्ता (हिसार) शामिल हैं।

हरियाणा विधानसभा के पूर्व स्पीकर डा. ज्ञानचंद गुप्ता (पंचकूला) तथा पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष रणबीर गंगवा (बरवाला) की सीटों पर भी खतरा बना हुआ है। साल 2019 में भाजपा ने तत्कालीन उद्योग मंत्री विपुल गोयल और तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री राव नरबीर के टिकट काट दिए थे, लेकिन इस बार दोनों को चुनाव लड़वाया गया है। विपुल गोयल (परीदाबाद) तथा राव नरबीर (बादशाहपुर) में चुनाव जीतने की स्थिति में बताए जा रहे हैं। वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 33.2 प्रतिशत वोट लेकर 47 सीटें जीती थी। वर्ष 2019 में भाजपा का वोट प्रतिशत बढक़र 36.49 प्रतिशत हो गया, लेकिन सीटें घटकर 40 रह गईं। इसके उलट वर्ष 2014 में 20.6 प्रतिशत वोट के साथ 15 सीटें जीतने वाली कांग्रेस 2019 में 28.08 प्रतिशत वोट लेकर 31 सीटें जीत गई। दोनों ही दलों ने इनेलो के वोटों में सेंधमारी की।

बाक्स

वर्ष 2019 के चुनाव परिणाम

पार्टी - सीटें जीती - वोट प्रतिशत

भाजपा -40 -36.49

कांग्रेस -31 -28.08

जजपा -10 -14.80

निर्दलीय -7 -9.17

इनेलो -1 -2.44

हलोपा -1 -0.66

हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा

   

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