काशी-तमिल संगमम : तमिल छात्रों ने गंगा स्नान कर जाना घाटाें का इतिहास
- Admin Admin
- Dec 03, 2025

—हनुमानघाट में तमिल मंदिरों के इतिहास को जाना, महाकवि सुब्रह्मण्य भारती के घर के समीप पुस्तकालय को देखा
वाराणसी, 3 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में चल रहे काशी-तमिल संगमम के दूसरे दिन बुधवार को तमिलनाडु से आए छात्रों ने
हनुमान घाट पर पवित्र गंगा नदी में स्नान कर जीवन में सुख व समृद्धि का आशीर्वाद मांगा। गंगा स्नान के बाद सभी तमिल मेहमानों ने घाट पर स्थित प्राचीन मंदिरों में दर्शन-पूजन किया। सभी मेहमानों को तमिल मंदिरों के इतिहास दिव्यता,भव्यता और इतिहास के बारे में जानकारी दी गई।
तमिलनाडु से आए छात्रों का दल आज हनुमान घाट पहुंचा और गंगा स्नान कर पुण्य कमाया। आचार्यों ने छात्राें काे गंगा के विभिन्न घाटों के इतिहास के बारे में विस्तार से बताया। इसके उपरांत तमिल मेहमान हनुमान घाट स्थित महाकवि सुब्रह्मण्य भारती के घर गए। वहां उनके परिवार के सदस्यों से उन्होंने मुलाकात की। छात्रों के दल में काफी कुछ जानने की जिज्ञासा दिखी। छात्राें ने महाकवि सुब्रह्मण्य भारती के घर के समीप पुस्तकालय का भी भ्रमण किया और काफी कुछ वहां के बारे में जानकारियां भी प्राप्त कीं। इसके बाद छात्र दल कांची मठ पहुंचा और वहां के इतिहास के बारे में जानकारी प्राप्त की। काशी में दक्षिण भारतीय मंदिर को देखकर युवाओं का दल उत्साहित दिखा।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास से जुड़े पं वेंकट रमण घनपाठी ने बताया कि काशी और तमिलनाडु का आपस में बहुत गहरा रिश्ता है और ये समागम महज एक पखवाड़े का नही सदियों पुराना है। काशी के हनुमान घाट, केदारघाट, हरिश्चंद्र घाट पर मिनी तमिलनाडु बसता है। जहां एक दो नहीं बल्कि दक्षिण भारत के अलग-अलग राज्यों के हजारों परिवार बसते हैं, जो इन दोनों राज्यों के मधुर रिश्ते को दर्शाते हैं। केवल हनुमान घाट पर 150 से अधिक घर तमिल परिवारों के हैं, जिनकी गलियों में हर दिन काशी-तमिल संगमम होता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी



