बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ कोलकाता में संतों का प्रदर्शन

कोलकाता, 04 दिसंबर (हि.स.)। बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को रोकने की मांग को लेकर पांच सदस्यीय संतों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को कोलकाता स्थित बांग्लादेश डिप्टी हाई कमिशन को ज्ञापन सौंपा।

प्रतिनिधिमंडल के सदस्य कर्तिक महाराज ने बताया कि उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कानूनी कदम उठाने की मांग की है। महाराज ने चेतावनी दी कि यदि इन अत्याचारों को रोकने के लिए उचित कदम नहीं उठाए गए, तो पश्चिम बंगाल में बड़े स्तर पर प्रदर्शन किए जाएंगे। संतों ने मांग की कि बांग्लादेश में सभी धार्मिक अल्पसंख्यकों को न्याय मिले और उन्हें किसी भी प्रकार के उत्पीड़न और हमले का सामना न करना पड़े। उन्होंने यह भी कहा कि भारत-बांग्लादेश सीमा को धार्मिक उत्पीड़न का सामना कर रहे लोगों के लिए शरण देने हेतु खोला जाए।

कार्तिक महाराज ने स्पष्ट किया कि शरणार्थियों और घुसपैठियों में अंतर है। हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास, जिन्हें राजद्रोह के एक मामले में गिरफ्तार किया गया है, को मंगलवार को बांग्लादेश की एक अदालत में जमानत नहीं मिल सकी। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए दो जनवरी की तारीख तय की है। संतों ने कहा कि यह अस्वीकार्य है कि अदालत में दास का कोई वकील मौजूद नहीं था। संतों ने यह भी चेताया कि यदि इन हमलों को तुरंत नहीं रोका गया, तो इसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी उठाया जाएगा। उनका कहना है कि भारत को पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।---------------------------------

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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