हवन यज्ञ से वायुमंडल शुद्ध होने के साथ व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है : मंहत रामदास

—शिवपुर फलाहारी बाबा आश्रम नौ दिवसीय महायज्ञ का समापन, अन्तिम दिन संत समागम

वाराणसी, 09 दिसंबर (हि.स.)। शिवपुर स्थित फलाहारी बाबा आश्रम के महंत रामदास त्यागी ने कहा कि हवन यज्ञ से वातावरण व वायुमंडल शुद्ध होने के साथ व्यक्ति को आत्मिक बल मिलता है। व्यक्ति में धार्मिक आस्था जागृत होती है। दुर्गुणों की बजाय सद्गुणों के द्वार खुलते हैं। महंत रामदास त्यागी आश्रम में आयोजित नौ दिवसीय महायज्ञ के समापन पर सोमवार को उपस्थित लोगों को आशीर्वचन दे रहे थे।

इस मौके पर संत समागम में उन्होंने कहा कि यज्ञ से देवता प्रसन्न होकर मनो वांछित फल प्रदान करते हैं। उन्होंने बताया कि श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ से व्यक्ति भवसागर पार हो जाता है। श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ से जीव में भक्ति, ज्ञान व वैराग्य के भाव उत्पन्न होते हैं। धार्मिक आयोजनों से व्यक्ति के पाप पुण्य में बदल जाते हैं। विचारों में बदलाव होने पर व्यक्ति के आचरण में भी स्वयं बदलाव हो जाता है। उन्होंने भंडारे के प्रसाद का भी वर्णन किया। उन्होंने कहा कि प्रसाद तीन अक्षर से मिलकर बना है। पहला जवाब प्र का अर्थ प्रभु, दूसरा सा का अर्थ साक्षात व तीसरा द का अर्थ होता है दर्शन। उसे हम सब प्रसाद कहते हैं। प्रसाद हर धार्मिक आयोजन या अनुष्ठान का तत्वसार होता है जो मन, बुद्धि व चित्त को निर्मल कर देता है। मनुष्य शरीर भी ‘भगवान का दिया हुआ सर्वश्रेष्ठ प्रसाद है। यज्ञ के समापन पर आयोजित भंडारे में संतों ने प्रसाद ग्रहण किया। इसके बाद उन्हें विदाई दी गई। इसके पहले अन्तिम दिन श्रद्धालुओं ने पहले हवन यज्ञ में आहुति डाली। उसके बाद उन्होंने महाप्रसाद ग्रहण किया। श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ आचार्य जितेन्द्र तिवारी के नेतृत्व में करवाया गया।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

   

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