राष्ट्रहित प्रथम की कामना के साथ सभी हरिभक्त विकसित भारत का संकल्प करेंगे पूर्णः भूपेंद्र पटेल
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- Nov 09, 2024
नडियाद, 9 नवंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने वडताल धाम में मनाए जा रहे लक्ष्मीनारायण देव द्विशताब्दी महोत्सव में हरिभक्तों से अनुरोध किया कि वे भगवान स्वामीनारायण द्वारा रचित शिक्षा पत्री का अनुसरण करें। उन्होंने कहा कि अपने कार्यों को कर्तव्यनिष्ठा से परिपूर्ण करने का प्रयास करना चाहिए और धर्म सेवा का लाभ ही केंद्र में होना चाहिए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने द्विशताब्दी महोत्सव पर पांच रुपये के डाक टिकट का विमोचन भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज वडताल धाम में मंगल उत्सव मनाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत धर्म, संस्कार और संस्कृति के संरक्षण की विरासत वर्तमान समय के आधुनिक आयामों के साथ जोड़कर प्रस्तुत की गई है। यह प्रधानमंत्री के ‘विरासत भी, विकास भी’ के ध्येय को साकार करता है। सभी हरिभक्तों को नूतन वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए पटेल ने कहा कि चरोतर की इस पावन भूमि पर 200 वर्ष पहले भगवान स्वामीनारायण ने लक्ष्मीनारायण देव मंदिर का निर्माण किया था। आज यह महोत्सव इतना भव्य है तो जब भगवान स्वामीनारायण ने इस भूमि पर श्रीलक्ष्मीनारायण मंदिर की स्थापना की होगी, उस समय कितना दिव्य रहा होगा, इसकी हमें अनुभूति होती है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि राष्ट्रहित प्रथम और समाज कल्याण की कामना के साथ सभी हरिभक्त विकसित भारत का संकल्प पूर्ण करेंगे।
संस्था के आचार्य राकेश प्रसाद महाराज ने आशीर्वचन देते हुए कहा कि लक्ष्मीनारायण देव द्विशताब्दी महोत्सव लाखों हरिभक्तों की सेवा और समर्पण के भाव को अभिव्यक्त करता है। हरिभक्तों ने संप्रदाय की छोटी से छोटी सेवा कर अद्भुत भाव व्यक्त किया है। उन्होंने शुभाशीष देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पटेल की सरकार जनहित के कार्य कर रही है और आगे भी प्रजावत्सल के और अधिक कार्य करने की प्रेरणा मिले और सभी का मंगल हो। इस अवसर पर 1008 वल्लभ कुलभूषण द्वारकेशलाल जी महाराज ने भी आशीर्वचन दिया। सत्संग महासभा के प्रमुख नौतम स्वामी ने वडताल मंदिर द्वारा किए जाने वाले सामाजिक सेवा कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वडताल हॉस्पिटल में लगभग 100 करोड़ रुपये के ऑपरेशन निःशुल्क किए गए हैं। कार्यक्रम में सांसद देवुसिंह चौहान, विधायक पंकज देसाई, संजय सिंह महीडा, कल्पेश परमार, राजेश झाला, संत नित्यस्वरूप स्वामी, ज्ञानजीवन स्वामी सहित बड़ी संख्या में संत, महंत, देश-विदेश के हरिभक्त, राजनीतिक और सामाजिक अग्रणी उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय