पुनर्चक्रण रणनीतियां बनाते समय ऑटोमोबाइल क्षेत्र प्रकृति अनुकूलन पर ध्यान दे : भूपेंद्र यादव

नई दिल्ली, 20 जनवरी (हि.स.)। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव नेसोमवारको कहा कि प्रकृति की तरह कोई भी पुनर्चक्रण नहीं कर सकता। पुनर्चक्रण रणनीतियों की योजना बनाते समय ऑटोमोबाइल क्षेत्र को प्रकृति अनुकूलन पर ध्यान देना चाहिए।

भूपेंद्र यादव सोमवार को नई दिल्ली में स्थाई सर्कुलरिटी पर सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के तीसरे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। केंद्रीय मंत्री ने पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करते हुए आर्थिक विकास को गति देने के लिए ऑटोमोटिव उद्योग की दोहरी जिम्मेदारी को रेखांकित किया। ' नेचर पॉजिटिव रिसाइक्लिंग' थीम पर आयोजित इस सम्मेलन में ऑटोमोटिव उद्योग के प्रमुख हितधारकों ने सतत विकास और सर्कुलरिटी पर चर्चा की।

भूपेन्द्र यादव ने कहा कि देश यात्री वाहन बिक्री में वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा बाजार है। सर्कुलर अर्थव्यवस्था में बदलाव के महत्व पर प्रकाश डालते हुए केन्द्रीय मंत्री ने सर्कुलरिटी के तीन प्रभावों पर बल दिया, जिसमें आर्थिक विकास, पर्यावरणीय स्थिरता, और सामाजिक प्रभाव शामिल है। केंद्रीय मंत्री ने सरकार में 'कर-सकने' की भावना पैदा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश केवल कचरे के प्रबंधन की बात नहीं कर रहा है बल्कि अपशिष्ट के मूल्य को उजागर करने और 'अपशिष्ट को धन में बदलने' की बात कर रहा है।

उन्होंने सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने में ऑटोमोटिव क्षेत्र की भूमिका पर जोर दिया, जिसमें एसडीजी 7 (सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा), एसडीजी 8 (सभ्य कार्य और आर्थिक विकास) और एसडीजी 9 (उद्योग, नवाचार और बुनियादी ढांचा) शामिल हैं। उन्होंने बैटरी चार्जिंग के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए नवीकरणीय ऊर्जा के महत्व पर भी जोर दिया।

केंद्रीय मंत्री ने पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करते हुए आर्थिक विकास को गति देने की ऑटोमोटिव उद्योग की दोहरी जिम्मेदारी को रेखांकित करते हुए अपने भाषण का समापन किया। उन्होंने वायु प्रदूषण से निपटने में वनरोपण के महत्व को रेखांकित करते हुए 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान जैसी पहलों में भागीदारी को भी प्रोत्साहित किया।

इस अवसर पर भूपेन्द्र यादव ने एसआईएएम रणनीति पत्र का भी अनावरण किया, जिसका शीर्षक था ‘ऑटोमोबाइल उद्योग में सर्कुलर भविष्य की ओर: अपशिष्ट प्रवाह विनियमन में विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व (ईपीआर) व्यवस्था का एकीकरण।’ इस मौके पर एसआईएएम के कार्यकारी निदेशक प्रशांत के. बनर्जी और हीरो मोटो कॉर्प के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी विक्रम कस्बेकर भी मौजूद थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी

   

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