- खनाैरी बॉर्डर पर 46 दिन से आमरण अनशन कर रहे जगजीत सिंह डल्लेवाल से की मुलाकात
चंडीगढ़, 10 जनवरी (हि.स.)। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं राज्य सभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने शुक्रवार काे खनाैरी पहुंचकर पिछले 46 दिन से आमरण अनशन कर रहे जगजीत सिंह डल्लेवाल से मुलाकात की।
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि डल्लेवाल की स्थिति गंभीर है और केंद्र सरकार को अड़ियल रुख छोड़ते हुए किसानों की मांगें मानकर तत्काल डल्लेवाल का अनशन खत्म करवाना चाहिए। डल्लेवाल केंद्र सरकार पर फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी समेत किसानों की विभिन्न मांगों के लिए आमरण अनशन पर हैं। उन्होंने चिकित्सा सहायता लेने से इनकार कर दिया है, जिससे उनका स्वास्थ्य बिगड़ता जा रहा है।
सुरजेवाला ने कहा कि बड़े दुर्भाग्य की बात है कि देश का पेट भरने वाला अन्नदाता आज खुद के हकों के लिए भूखा बैठा है। न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर सुप्रीम कोर्ट और संसद की समिति ने सिफारिशें की हैं, लेकिन केंद्र सरकार अब तक इस पर गंभीर कदम उठाने में असमर्थ नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि यह केवल किसान नेताओं की नहीं, बल्कि पूरे किसान समुदाय की समस्या है। उन्होंने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार को न तो किसानों की चिंता है और न ही उनकी मांगों को उठाने वाले नेताओं की। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह न केवल डल्लेवाल जैसे नेताओं की बात सुने, बल्कि किसानों की समस्याओं का जल्द समाधान निकाले।
रणदीप सुरजेवाला ने खनाैरी बॉर्डर पर मीडिया से बातचीत में कहा कि डल्लेवाल का जीवन सभी के लिए अनमोल है। वह व्यक्तिगत हित के लिए नहीं, बल्कि किसानों की जायज मांगों के लिए अनशन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगें पूरी तरह से जायज हैं और लंबे समय से लंबित हैं। सुरजेवाला ने दावा किया कि हरियाणा में किसानों को अनाज पर एमएसपी नहीं मिल रही है।
सुरजेवाला ने डल्लेवाल से मुलाकात कर आश्वासन दिया कि कांग्रेस पार्टी और हम सब उनके साथ हैं और एमएसपी के गारंटी का कानून हमारे लिए सर्वोपरि है। इस दौरान सुरजेवाला ने संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जोगेंद्र सिंह उग्रांहा, दर्शन पाल समेत कई किसान नेताओं से भी मुलाकात की और किसानों की मांगों को लेकर चर्चा की।
सांसद रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि अब तक किसानों का पूरा आंदोलन शांतिपूर्ण रहा है। सरकार की बात मानते हुए किसान बिना ट्रैक्टर ट्रॉली के दिल्ली जाने को भी राजी हो गए हैं। फिर भी किसानों को दिल्ली जाने से रोकना पूरी तरह अलोकतांत्रिक कदम है।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा