कर्नाटक में सरकारी ठेकों में मुस्लिमों को 4 प्रतिशत आरक्षण को भाजपा ने बताया तुष्टीकरण की पराकाष्ठा
- Admin Admin
- Mar 21, 2025

नई दिल्ली, 21 मार्च (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को कर्नाटक में सरकारी ठेकों में मुस्लिमों को 4 प्रतिशत आरक्षण देने को लेकर कांग्रेस पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया। पार्टी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को पॉलिटिकली अनफिट बताते हुए कहा कि वे तुष्टीकरण के माध्यम से अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा ने नई दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात पर चिंता जताई कि किस तरह कांग्रेस पार्टी तुष्टीकरण की राजनीति को बढ़ावा दे रही है और पूरे भारत में विभाजन पैदा कर रही है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन किया गया और राज्य विधानसभा में इसे पारित कर दिया गया। संशोधन के अनुसार कर्नाटक में सरकारी ठेकों में 4 प्रतिशत आरक्षण अब केवल मुस्लिम ठेकेदारों के लिए आरक्षित होगा। इसका मतलब है कि मुस्लिम ठेकेदार केटीपीपी अधिनियम के तहत 2 करोड़ रुपये तक के ठेकों के लिए पात्र होंगे। यह आरक्षण अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की 2बी श्रेणी के तहत प्रदान किया जाता है।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की सलाह और सहायता से कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने ओबीसी के लिए निर्धारित आरक्षण को हड़प लिया है और इसे मुसलमानों के लिए मोड़ दिया है। यह न केवल असंवैधानिक है बल्कि यह एक दुस्साहस भी है।
पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने ओबीसी बंधुओं के अधिकार में सेंधमारी कर मुसलमानों को आरक्षण दिया है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार का यह निर्णय तुष्टीकरण की पराकाष्ठा है। कांग्रेस पार्टी व उसके घटक दलों की राजनीति परिवारवाद, तुष्टीकरण और जातिवाद के आधार पर ही चलती है। इसलिए ये कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि कहीं न कहीं राहुल गांधी पॉलिटिकली अनफिट हैं, इसलिए वे तुष्टीकरण के माध्यम से अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज 4 प्रतिशत आरक्षण लागू किया गया है लेकिन भविष्य में इसे बढ़ाकर शत प्रतिशत किया जा सकता है। जिस तरह 1947 से पहले नेहरू की महत्वाकांक्षाओं ने एक छोटी सी चिंगारी जलाई थी, जो अंततः देश के विभाजन का कारण बनी, उसी तर्ज पर इस तरह की कार्रवाइयों के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार