चंडीगढ़ में शुद्ध पेयजल की जिम्मेदारी महिलाओं को:घर-घर जाकर पानी की जांच करेंगी, सुबह 6 से दोपहर 2 बजे तक लेंगी सैंपल

चंडीगढ़ में अब घर-घर जाकर पानी की जांच का जिम्मा महिलाओं को सौंपा जाएगा। यह काम नगर निगम की "अमृत मित्र योजना" के तहत किया जा रहा है, जो AMRUT (अटल मिशन फॉर रिज़वेरशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशनल) योजना का हिस्सा है। नगर निगम कमिशनर अमित कुमार ने बताया कि यह एक अनोखी और पहली बार शुरू की जा रही पहल है, जिसका मकसद महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि पानी के संरक्षण में महिलाओं की भूमिका हमेशा अहम रही है, इसलिए उन्हें इस योजना से जोड़ा गया है। नगर निगम मोबाइल लैब के लिए लैब युक्त वाहन, कर्मचारियों को आईडी कार्ड और यूनिफॉर्म उपलब्ध कराएगा। इस मोबाइल लैब को चलाने और संभालने का काम महिलाओं की टीम ही करेगी। पूरे शहर से लिया जाएगा पीने के पानी का सैंपल नगर निगम ने सिटी लेवल फेडरेशन (CLF) या एरिया लेवल फेडरेशन (ALF) की महिला टीमों को इसमें शामिल करने के लिए रजिस्ट्रेशन के लिए आमंत्रण (पैनल में शामिल करने के लिए अनुरोध) जारी किया है। महिला टीमें घरों, सरकारी व निजी संस्थानों, गांवों, कॉलोनियों और स्कूलों से पीने योग्य पानी के सैंपल इकट्ठा करेंगी। यह प्रक्रिया हर दिन सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक चलेगी। महिला टीमें पानी के सैंपल लेकर इन्हें सेक्टर-39 स्थित वाटर वर्कर्स की मुख्य लैब में पहुंचाएंगी, जहां इनकी रासायनिक और बैक्टीरियोलॉजिक जांच होगी। जांच रिपोर्ट चार कार्य दिवसों के भीतर संबंधित नागरिकों या अधिकारियों को सौंप दी जाएगी। सभी सैंपल्स को ठीक से लेबल कर उनके प्रॉपर डॉक्यूमेंटेशन की जिम्मेदारी महिला टीम की होगी। पूरा प्रोजेक्ट तय प्रोटोकॉल और मानकों के अनुसार चलाया जाएगा। लोगों को शुद्ध पेयजल देना प्राथमिकता मेयर हरप्रीत कौर बबला ने कहा कि निगम का यह कदम शुद्ध और सुरक्षित पीने के पानी की नियमित जांच को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। उन्होंने कहा कि शहर के हर हिस्से को कवर करने और पानी की गुणवत्ता को बरकरार रखने के लिए यह एक सराहनीय पहल है।

   

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