संस्कार परिवार सनातन जनजागरण पदयात्रा संपन्न, जयघोष से गूंजा देहरादून
- Admin Admin
- Dec 01, 2024
टपकेश्वर महादेव से शुरू हुई पदयात्रा लक्ष्मण सिद्ध व कालू सिद्ध पौराणिक स्थल हाेकर निकली देहरादून, 1 दिसंबर (हि.स.)। सनातन जनजागरण पदयात्रा संस्कार परिवार देहरादून के तत्वावधान में नगर के पौराणिक स्थल श्रीटपकेश्वर महादेव मंदिर और माता वैष्णो देवी गुफा योग मंदिर से रविवार सुबह अध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत हाे गई। सनातन धर्म के मूल संस्कारों और परंपराओं को फिर से जीवंत करने का संकल्प लिया। रविवार काे सूरज की पहली किरणों के साथ टपकेश्वर महादेव के पवित्र प्रांगण में श्रद्धालुओं की विशेष पूजा-अर्चना के दाैरान मंत्रोच्चार और घंटियों की ध्वनि से पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा। आचार्य डॉ. बिपिन जोशी के सानिध्य में सनातन धर्म के जयघोष ने भक्तों को नई ऊर्जा और प्रेरणा प्रदान की। उन्होंने जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदू समाज को जाति और संप्रदाय की दीवारों को तोड़कर एकजुट होना होगा। हमें अपने बच्चों को आधुनिक सुख-सुविधाओं से अधिक संस्कारों की शिक्षा देनी होगी। सनातन धर्म सभा में आचार्य जोशी ने धर्म और परंपराओं के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि हमारी परंपराएं ही हमारी पहचान हैं। यदि हम अपने रीति-रिवाजों को भूल गए तो आने वाली पीढ़ियां अपनी जड़ों से कट जाएंगी।यह सनातन जनजागरण पदयात्रा टपकेश्वर मंदिर से शुरू हाेकर श्रीधोलेश्वर महादेव मंदिर, माडू सिद्ध मंदिर, बालाजी मंदिर झांझरा और मानक सिद्ध मंदिर होते हुए प्रेमनगर स्थित सनातन धर्म मंदिर पहुंची। प्रेमनगर बाजार में पदयात्रा के दौरान लोगों ने श्रद्धा और उल्लास के साथ इसमें भाग लिया। इस पदयात्रा को सफल बनाने में धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। श्रीमहाकाल सेवा समिति, महिला भजन कीर्तन मंडलियों और अन्य संस्थाओं ने आयोजन को भव्य स्वरूप दिया। उत्तराखंड सरकार की राज्यमंत्री मधु भट्ट, आचार्य डॉ. मथुरा दत्त जोशी, भगवती जोशी, गुलशन मालिक व अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई। लक्ष्मण सिद्ध और कालू सिद्ध जैसे पौराणिक स्थलों से हाेते हुए बाद टपकेश्वर महादेव मंदिर में पदयात्रा का समापन हुआ। यहां श्रद्धालुओं ने सामूहिक आरती की। उल्लेखनीय है कि पदयात्रा केवल धार्मिक आयोजन नहीं थी, बल्कि एक सशक्त जनजागरण अभियान थी। इसने एक बार फिर यह सिद्ध किया कि सनातन धर्म केवल एक आस्था नहीं, बल्कि जीवन जीने की पद्धति है। इस यात्रा ने देहरादून में धार्मिक चेतना की नई लहर उत्पन्न की, जो आने वाले समय में समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण