गाजियाबाद के 10 औद्योगिक क्षेत्र यूपीसीडा की परिधि में शामिल, सफाई से लेकर सीवेज निस्तारण की जिम्मेदारी निभाएगा यूपीसीडा
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- Dec 06, 2024
गाजियाबाद, 06 दिसंबर (हि.स.)। दिल्ली से सटे गाजियाबाद के उद्यमियों के लिए एक अच्छी खबर है। अब उन्हें जन सुविधाओं के लिए नगर निगम के चक्कर काटने से छुटकारा मिल गया है। गाजियाबाद केे 10 प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र नगर निगम से उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण(यूपीसीडा) की परिधि में सम्मिलित कर लिए हैं। इसको लेकर शासनादेश जारी हो गया है।
नगर निगम यहां से सम्पत्ति टैक्स वसूलता था लेकिन उद्यमियों की शिकायत थी कि नगर निगम उन्हें सुविधाएं उपलब्ध नहीं कर पा रहा है। उद्यमियों के शिकायतों व मांग के बाद शासन ने यह निर्णय लिया। गाजियाबाद के जिन औद्योगिक क्षेत्र उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) की परिधि में सम्मलित किया गया है, अब इन औद्योगिक क्षेत्र में सफाई से लेकर सीवेज निस्तारण तक वह अन्य म्युनिसिपालिटी सुविधा यूपीसीडा उपलब्ध कराएगी। शासनादेश जारी होने के बाद यूपीसीडा के क्षेत्रीय कार्यालय में उल्लिखित सुविधाओं को हूबहू प्रदान कराने के लिए रोड मैप तैयार किया जा रहा है।
गाजियाबाद के 10 प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र यूपीसीडा की परिधि में आ गए हैं यानी वह वहां जन सुविधाएं उपलब्ध कराएगा और अब यूपीसीडा इन औद्योगिक क्षेत्र के अवंटियों से (रखरखाव) मेंटेनेंस शुल्क भी वसूल करेगा। शासनादेश की प्राप्ति के बाद गाजियाबाद क्षेत्रीय कार्यालय में इसके लिए तमाम तैयारियां युद्ध स्तर पर चल रही हैं और बहुत जल्द औद्योगिक क्षेत्र में सुविधाओं को लेकर बड़ा बदलाव देखने की उम्मीद है। यूपीसीडा के क्षेत्रीय प्रबंधक प्रदीप कुमार सत्यार्थी का कहना है कि शासनादेश के तहत निर्धारित औद्योगिक क्षेत्र में तमाम सुविधाएं प्रदान करने के गंभीर प्रयास किए जाएंगे। निश्चित तौर पर अब इन क्षेत्रों में बदलाव दिखाई देगा।
यह है शासनादेश-
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी शासनादेश में कहा गया है कि नगर निकाय और जिला पंचायत की परिधि में आने वाले औद्योगिक क्षेत्र में रखरखाव होना और शुल्क को वसूला जाना संभव नहीं था। नगर निकाय /नगर निगम व जिला पंचायत द्वारा ठीक से रखरखाव नहीं किए जाने पर परिसंपत्तियों की स्थिति बेहद खराब होती जा रही थी। इसी के मद्देनजर औद्योगिक क्षेत्र यूपीसीडा की परिधि में सम्मिलित कर लिए गए हैं। शासनादेश में कहा गया है कि अब सभी औद्योगिक क्षेत्र में सफाई, कूड़ा उठान, निस्तारण जल निकासी, सीवेज निस्तारण की उच्च स्तरीय सुविधा औद्योगिक क्षेत्र में यूपीसीडा द्वारा उपलब्ध कराई जाएं। साथ जी सृजित अवसंरचना सुविधाओं का नियमों के अनुसार उपयोग भी किया जाए। शासनादेश में कहा गया है कि मेंटेनेंस शुल्क अथवा रखरखाव शुल्क वसूला जाए। 01 जनवरी से उद्यमियों को डिमांड नोटिस जारी कर दिए जाए। शासनादेश में यह भी कहा गया है कि औद्योगिक क्षेत्र के विकास अथवा रखरखाव एमसी कार्यों के लिए आवंटियों से सुझाव लेकर कार्य योजना तैयार कर उस पर अमल किया जाए।
शासनादेश के मुताबिक आवंटियों को प्रदान कराई जाएंगी सुविधाएं : प्रदीप सत्यार्थी
यूपीसीडा के क्षेत्रीय प्रबंधक प्रदीप सत्यार्थी ने बताया कि इस संबंध में शासनादेश जारी हो चुका है। इसके बाद शासनादेश के मुताबिक जो भी मानक तय किए गए हैं उनके अनुसार तैयारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि गाजियाबाद में कुल 10 औद्योगिक क्षेत्र यूपीसीडा की परिधि में सम्मिलित हो गए हैं। इसमें लोहा मंडी औद्योगिक क्षेत्र, लोनी एस्टेट, सेक्टर 17 कवि नगर औद्योगिक क्षेत्र, सेक्टर 22 मेरठ रोड औद्योगिक क्षेत्र, बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र, लोनी रोड औद्योगिक क्षेत्र, मेरठ रोड औद्योगिक क्षेत्र, साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र, साउथ साइड का जीटी रोड औद्योगिक क्षेत्र तथा उद्योग कुंज औद्योगिक क्षेत्र हैं। उन्होंने बताया कि अब यूपीसीडा की परिधि में इन क्षेत्रों के आने के बाद निश्चित तौर पर सुविधाओं में इजाफा होगा और शासन ने जो नियम बनाए उनके मुताबिक औद्योगिक क्षेत्र से की सफाई ,कूड़ा उठान निस्तारण, जल निकासी, सीवेज निस्तारण की उच्च स्तरीय सुविधाएं प्रदान की जाएगी। आवंटियों से शुल्क वसूला जाएगा। निश्चित तौर पर अब औद्योगिक क्षेत्र की स्थिति में बदलाव आएगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / फरमान अली