न रूकेगी पेंशन, न कहीं जाने की जरूरत, फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक से पेंशनर्स घर बैठे जमा कर सकेंगे जीवन प्रमाण पत्र

देहरादून, 08 नवंबर (हि.स.)। पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय की ओर से केंद्र सरकार के पेंशन भोगियों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 11 नवंबर को राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (डीएलसी) अभियान 3.0 आयोजित किया जाएगा। फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक एक ऐसी तकनीक है, जिसके जरिए पेंशनभोगी किसी भी एंड्रॉइड स्मार्टफोन से अपना डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जमा कर सकेंगे।

इस वर्ष 2024 में देहरादून में कई शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। ये शिविर शहर में भारतीय स्टेट बैंक की पांच शाखाओं आईएमए, बीरपुर, सहारनपुर रोड, डिफेंस कॉलोनी और आईआईपी टाउनशिप पर लगाए जा रहे हैं। इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक भी देहरादून जिले के सभी डाकघरों पर निर्धारित तिथियों को यह शिविर लगा रहा है।

पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग के अवर सचिव समीन अंसारी आगामी 11 नवंबर को इन शिविरों में जाकर जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए विभिन्न डिजिटल तरीकों जैसे फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक के बारे में पेंशनभोगियों को जागरूक करेंगे। यूआईडीएआई इन शिविरों में पेंशनभोगियों के आधार रिकार्डों को अद्यतित करने में मदद करेगा तथा डीएलसी जनरेशन में होने वाली तकनीकी समस्याओं का समाधान करेगा।

पहले अपना जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए पेंशन भोगियों को पेंशन संवितरण प्राधिकरणों के पास स्वयं जाना होता था जिससे पेंशनभोगियों विशेषकर वयोवृद्धों को काफी असुविधा होती थी। लंबी कतारों में काफी देर तक इंतजार करना पड़ता था। पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने वर्ष 2014 में डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (जीवन प्रमाण) और नवंबर 2021 में फेस ऑथें​टिकेशन तकनीक का शुभारंभ किया। इस प्रगति से अन्य बाह्य बायोमेट्रिक उपकरण की आवश्यकता समाप्त हो गई और जीवन प्रमाणपत्र जमा करने की प्रक्रिया सरल हो गई।

डीएलसी अभियान 3.0 के तहत एक से 30 नवंबर तक देशभर में शिविर लगाए जाएंगे, ताकि पेंशनभोगियों को अपना जीवन प्रमाण डिजिटल रूप से जमा करने में मदद की जा सके। साथ ही वयोवृद्ध तथा निशक्त पेंशनभोगियों के घर जाकर उनके डीएलसी जमा करने में मदद करने के लिए विशेष प्रबंध किए जाएंगे। इस अभियान का प्रचार-प्रसार सोशल मीडिया पर भी किया जाएगा। इसकी निगरानी विभाग की ओर से डीएलसी पोर्टल के माध्यम से की जाएगी। अभियान का मुख्य उद्देश्य दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले या वयोवृद्ध पेंशनभोगियों तक पहुंचना है, ताकि उन्हें भी इस तकनीक की जानकारी हो सके और इसका लाभ मिल सके।

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हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण

   

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