केंद्र सरकार ने हिमाचल को नवोन्मेष और अवसंरचना के लिए दिये 23.24 करोड़ : डॉ. जितेन्द्र सिंह

शिमला, 6 दिसंबर (हि.स.)। केंद्र सरकार ने बीते दो वर्षों में हिमाचल को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के नवोन्मेष और अवसंरचना के लिए 24 करोड़ की धनराशि प्रदान की है। राज्यसभा सांसद डॉक्टर सिकंदर कुमार के सवाल के जवाब में केन्द्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने शुक्रवार को संसद में बताया कि हिम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत विभिन्न विभागों और एजेंसियों ने ये धनराशि प्रदान की है। वितीय वर्ष में 2022-23 में 10.45 करोड़ रुपये और 2023-24 में 12.79 करोड़ रुपये की राशि हिमाचल को आवंटित की गई है।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने यह भी बताया कि हिमाचल प्रदेश में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों में कई आर एंड डी परियोजनाओं को सक्रिय रूप से सहायता प्रदान की है। इन पहलों का मुख्य उद्देश्य राज्य में विज्ञान और प्रौद्योगिकी अवसंरचना को मजबूत करना है।

आईआईटी मंडी और एनआईटी हमीरपुर में नवोन्मेष केंद्रों की स्थापना

डॉक्टर सिकंदर कुमार के सवाल के जवाब में डॉ. सिंह ने बताया कि पिछले दो वर्षों में आईआईटी मंडी में मानव-कंप्यूटर इंटरेक्शन पर केंद्रित प्रौद्योगिकी नवोन्मेष केंद्र 'आईआईटी मंडी आईहब' और 'एचसीआई फाउंडेशन' की स्थापना की गई। इसके अलावा, राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) हमीरपुर में 'आईटीबीआई-उतिष्ठित' नामक प्रौद्योगिकी कार्य उद्भवक केंद्र और कैरियर प्वाइंट विश्वविद्यालय, हमीरपुर में 'प्रौद्योगिकी सक्षम केंद्र' की स्थापना की गई।

शूलिनी विश्वविद्यालय को भी मिली मदद

शूलिनी विश्वविद्यालय सोलन को अपनी आर एंड पी अवसंरचना के विकास हेतु 'पर्स' (विश्वविद्यालय अनुसंधान और वैज्ञानिक उत्कृष्टता संवर्धन) के तहत सहायता प्राप्त हुई है।

हिमाचल की 69 अनुसंधान परियोजनाओं को मदद

डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी बताया कि हिमाचल प्रदेश में अब तक 69 अनुसंधान परियोजनाओं को मंत्रालय द्वारा सहायता दी गई है, जो राज्य में विज्ञान और प्रौद्योगिकी अवसंरचना के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान कर रही हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

   

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