ग्वालियर में आज भारतीय शास्त्रीय संगीत व पाश्चात्य संगीत की अद्भुत जुगलबंदी से साकार होगा सुरों का उत्सव
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- Dec 10, 2024
- तानसेन संगीत समारोह के मंगलाचरण स्वरूप महाराज बाड़ा पर होगा “गालव वाद्यवृंद-सुर ताल समागम”
ग्वालियर, 10 दिसंबर (हि.स.)। तानसेन समारोह के शताब्दी वर्ष को ध्यान में रखकर संगीत की नगरी ग्वालियर में “तानसेन स्वर स्मृति” के तहत मंगलाचरण स्वरूप पूर्वरंग के रूप में विशिष्ट संगीत सभाएं सज रही हैं। इस कड़ी में आज शाम शहर के हृदय स्थल महाराज बाड़ा पर भारतीय शास्त्रीय संगीत एवं पाश्चात्य संगीत के अद्भुत मिलन से ग्वालियर के रसिक रूबरू होंगे। महाराज बाड़ा स्थित टाउन हॉल में सायंकाल 5ः30 बजे विशिष्ट संगीत सभा “गालव वाद्यवृंद – सुर ताल समागम” सजेगी। इस सभा में ग्वालियर घराने के मूर्धन्य संगीत साधक पं. उमेश कम्पूवाले और सुविख्यात ध्रुपद गुरु अभिजीत सुखदाड़े का ध्रुपद गायन तो होगा ही, साथ ही सुविख्यात सितार वादक पं. भरत नायक के निर्देशन में पाश्चात्य एवं भारतीय वाद्यों की जुगलबंदी से सुरों का उत्सव साकार होगा। इस अवसर पर डॉ. पारूल बांदिल भक्तिधारा गीत प्रस्तुत करेंगी।जनसम्पर्क अधिकारी हितेंद्र सिंह भदौरिया ने बताया कि तानसेन समारोह के इतिहास में यह पहला अवसर है, जब सुरों की नगरी ग्वालियर में समारोह से पहले स्थानीय कलाकारों के सहयोग से संगीत महफिलें सज रही हैं। कलेक्टर रुचिका चौहान की पहल पर “तानसेन स्वर स्मृति” के रूप में इन विशिष्ट संगीत सभाओं का आयोजन हो रहा है। उन्होंने बताया कि तानसेन समारोह के शताब्दी वर्ष के तहत आज महाराज बाड़े पर होने जा रहे पूर्वरंग कार्यक्रम 'तानसेन स्वर स्मृति' के दौरान शहर की वरिष्ठ सांगीतिक विभूतियों व शास्त्रीय संगीत के संवर्धन में जुटी संस्थाओं को भी सम्मानित किया जाएगा। जिला प्रशासन द्वारा मूर्धन्य सांगीतज्ञ पंडित मार्तण्ड जोशी, पं. प्रभाकर लक्ष्मण गोहदकर, पं. मधुकर शास्त्री तेलंग एवं पं. श्रीराम उमड़ेकर को सम्मानित किया जाएगा। इसी तरह शास्त्रीय संगीत के संवर्धन के लिए संकल्पित संस्था 'रागायन' के अध्यक्ष महंत रामसेवक दास एवं गुरु शिष्य परंपरा के लिए स्वर संस्कार के गुरु संजय देवले को भी सम्मानित किया जाएगा।टक मैदान में 14 दिसंबर को पूर्वरंग “गमक” में सुविख्यात गजल गायक चंदनदास पेश करेंगे कलाम
संगीत की नगरी ग्वालियर में 15 दिसंबर से पांच दिवसीय तानसेन समारोह की शुरुआत होगी। समारोह की पूर्व संध्या यानी 14 दिसम्बर को सायंकाल 6ः30 बजे इंटक मैदान हजीरा पर पूर्वरंग “गमक” की संगीत सभा सजेगी। “गमक” में सुविख्यात गजल गायक चंदनदास अपनी मखमली आवाज में कलाम पेश करेंगे। यह कार्यक्रम पूर्णत: नि:शुल्क है। दुनियाभर में गजल गायन के क्षेत्र में परचम लहरा रहे चंदनदास की गजलें जनमानस में खासी लोकप्रिय हैं। संस्कृति विभाग से संबद्ध उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी भोपाल ने “गमक” कार्यक्रम के आयोजन संबंधी सूचना जारी कर दी गई है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर