बाबा सिद्दीकी हत्याकांड की चार्जशीट में लॉरेंस बिश्नोई का नाम नहीं

- हाई प्रोफाइल हत्याकांड में 26 लोगों की संलिप्तता का ब्यौरा दिया गया

मुंबई, 06 जनवरी (हि.स.)। पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच की ओर से महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) कोर्ट में दाखिल की गई चार्जशीट में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का नाम वांटेड के तौर पर शामिल नहीं किया गया है। हालांकि आरोपपत्र में कहा गया है कि बिश्नोई गिरोह ने मुंबई के अंडरवर्ल्ड में अपना दबदबा कायम करने के लिए हत्या को अंजाम दिया है। इस चार्जशीट में कुल 26 लोगों की संलिप्तता का ब्यौरा दिया गया है।

मुंबई क्राइम ब्रांच ने पिछले सप्ताह शुक्रवार को महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) कोर्ट में 4,500 पन्नों की एक विस्तृत चार्जशीट दाखिल की है, जिसका ब्यौरा सोमवार को उपलब्ध हुआ है। चार्जशीट में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता बाबा सिद्दीकी की हाई प्रोफाइल हत्या में 26 लोगों की संलिप्तता का ब्यौरा दिया गया है। चार्जशीट में 175 गवाहों के बयानों को शामिल करके सिद्दीकी की हत्या के पीछे संगठित अपराध पर प्रकाश डाला गया है। चार्जशीट के अनुसार बिश्नोई गिरोह ने मुंबई के अंडरवर्ल्ड में अपना दबदबा कायम करने के लिए हत्या को अंजाम दिया है।

चार्जशीट के अनुसार यह अपराध बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को संदेश भेजने के इरादे से किया गया था। इस मामले में मुख्य आरोपित कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई और शुभम लोनकर एवं जीशान अख्तर को बनाया गया है। लोनकर के साथ अनमोल और अख्तर को हत्या के सिलसिले में वांछित अपराधियों के रूप में नामित किया गया है। पुलिस का मानना है कि उन्होंने अपराध की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। लॉरेंस बिश्नोई का नाम सीधे तौर पर चार्जशीट में नहीं है और उसे वांछित अपराधी के रूप में सूचीबद्ध नहीं किया गया है।

पिछले महीने बाबा सिद्दीकी हत्याकांड के एक आरोपित नितिन गौतम सप्रे ने मुंबई की विशेष महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) अदालत के समक्ष सुनवाई के दौरान पुलिस पर चौंकाने वाला आरोप लगाया था। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश सप्रे ने दावा किया था कि उन्हें न्यायिक हिरासत से बोरीवली पुलिस स्टेशन ले जाकर जबरन इकबालिया बयान दिलवाया गया। उसका आरोप है कि मुझ पर बयान देने का दबाव बनाया गया और पुलिस ने धमकी दी कि अगर मैंने सहयोग नहीं किया तो मेरे परिवार को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

सप्रे के वकील अजिंक्य मधुकर मिर्गल और ओमकार इनामदार ने आरोप लगाया, मेरे मुवक्किल को मजिस्ट्रेट के सामने यह कबूल करने के लिए धमकाया गया कि वह अनमोल बिश्नोई के साथ नियमित संपर्क में था और उसने मामले में दो आरोपितों को शरण दी थी। उससे कहा गया कि अगर उसने ऐसा नहीं किया तो उसके पूरे परिवार को मामले में घसीटा जाएगा। उसे लॉकअप के अंदर पीटा भी गया।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजबहादुर यादव

   

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