चंडीगढ़: हाथों की अनोखी कारीगरी से सजा ब्रह्मसरोवर का पावन तट
- Admin Admin
- Dec 02, 2024
सरस और शिल्प मेले में हाथों की कला को देखकर आश्चर्य चकित हुए पर्यटक
चंडीगढ़, 02 दिसंबर (हि.स.)। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2024 में 28 नवंबर से 15 दिसंबर तक लगे सरस और शिल्प मेले में विभिन्न राज्यों से पहुंचे शिल्पकारों की हाथों की अनोखी कारीगरी से ब्रह्मसरोवर का पावन तट सज चुका है। इस महोत्सव के सरस और शिल्प मेले में इन शिल्पकारों की हाथ की कला को देखकर महोत्सव में आने वाला प्रत्येक पर्यटक आश्चर्यचकित हो रहा है।
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के मेले में असम से आए शिल्पकार ने बताया कि वे अपने साथ बांस से बनी सुंदर-सुंदर घर की सज्जा सजावट का सामान अपने साथ लेकर आए हैं।
शिल्पकार ने बताया कि वे हर वर्ष इस अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में आते हैं। केडीबी प्रशासन की तरफ से उनको यहां स्टॉल अलॉट किया गया है। यह महोत्सव शिल्पकारों को लुप्त हो चुकी हस्त शिल्पकला को उजागर करने का एक अच्छा मंच देता है। इस महोत्सव में वे अपने साथ बांस से बने घर की सज्जा सजावट का सामान फ्रूट बाॅस्केट, फ्लावर पोर्ट, दीवार सिनरी, कप प्लेट, वॉल हैंगिंग, टेबल लैम्प, बांस से बनी पानी की बोतल इत्यादि सामान लेकर आए हैं। यह सब सामान वे असम में बांस से बनाते हैं तथा इस सामान को बनाने के लिए कई लोग काम करते हैं। वे अपनी इस हस्त शिल्पकला से दूसरे लोगों को रोजगार के अवसर भी प्रदान करते हैं। इनकी कीमत 50 रुपये से लेकर 1 हजार रुपये तक है। वे अपनी इस कारागिरी को दूसरे कई राज्यों में भी दिखाते हैं और पर्यटक इनकी जमकर खरीदारी कर रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा