21 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय ध्यान दिवस मनाने का निर्णय भारत की महान संस्कृति का सम्मान : शांता कुमार
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- Dec 09, 2024
शिमला, 09 दिसंबर (हि.स.)। पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा सर्वसम्मति से 21 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय ध्यान दिवस के रूप में घोषित किए जाने को भारत के लिए गर्व का विषय बताया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और योग व ध्यान के महत्व को वैश्विक मान्यता प्रदान करता है।
शांता कुमार ने साेमवार काे एक बयान में कहा कि भारत, श्रीलंका, नेपाल, मेक्सिको और एंडोरा के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र की महासभा में यह निर्णय लिया गया, जिसे 193 देशों ने सर्वसम्मति से समर्थन दिया। उन्होंने इसे वसुधैव कुटुंबकम् की भारतीय परंपरा का प्रमाण बताया जिसमें पूरे विश्व को एक परिवार माना जाता है।
उन्होंने याद दिलाया कि पहले ही 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया गया है जो भारत की महान सांस्कृतिक धरोहर और ऋषि-मुनियों के योगदान का सम्मान है। अब 21 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय ध्यान दिवस के रूप में मनाने का निर्णय यह दर्शाता है कि भारत की प्राचीन विधाओं को दुनिया भर में मान्यता और सम्मान मिल रहा है।
शांता कुमार ने मीडिया द्वारा इसे न छापने पर आश्चर्य व्यक्त किया। उन्होंने इसे अंतर्राष्ट्रीय महत्व का समाचार बताते हुए सभी समाचार पत्रों से इस विषय को प्रमुखता देने की अपील की।
शांता कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि यह निर्णय उनकी नेतृत्व क्षमता और वैश्विक मंच पर भारत की सक्रिय भूमिका का प्रमाण है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला