श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से होती है मोक्ष की प्राप्ति : स्वामी गौरीशंकर 

हरिद्वार, 11 नवंबर (हि.स.)। भूपतवाला स्थित साधुबेला आश्रम में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन कथा व्यास महंत श्रवण मुनि महाराज ने भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का बखान किया। श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भगवान की महारास लीला इतनी दिव्य है कि स्वयं भोलेनाथ उनके बाल रूप के दर्शन करने के लिए गोकुल पहुंच गए।

श्रवण मुनि महाराज ने कहा कि मथुरा गमन प्रसंग में अक्रूर जी भगवान को लेने आए। जब भगवान श्रीकृष्ण मथुरा जाने लगे समस्त ब्रज की गोपियां भगवान कृष्ण के रथ के आगे खड़ी हो गईं। कहने लगी हे कन्हैया, जब आपको हमें छोड़कर ही जाना था तो हम से प्रेम क्यों किया। आस्था और विश्वास के साथ भगवत प्राप्ति आवश्यक हैं। भगवत प्राप्ति के लिए निश्चय और परिश्रम भी जरूरी हैं।

श्री बनखंडी साधुबेला पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी गौरीशंकर दास महाराज ने कहा कि उन्होंने कहा कि जो भक्त प्रेमी कृष्ण, रुक्मणी के विवाह उत्सव में शामिल होते हैं उनकी वैवाहिक समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है। कलयुग में श्रीमद् भागवत मोक्षदायिनी है। सभी को भागवत रस के ज्ञान को अपने जीवन में उतारकर अपने कल्याण का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए। श्रद्धापूर्वक श्रवण करने से यह व्यक्ति का जीवन संवार देती है। इस दौरान उद्धव संवाद, श्रीकृष्ण एवं रुक्मणी विवाह उत्सव पर मनोहर झांकी प्रस्तुत की गई।

इस अवसर पर स्वामी बलराम मुनी, गोपाल अवस्थी, दीपा अवस्थी, राम शुक्ला, रवि दुबे, चित्रा दुबे, सुनीता तिवारी, राकेश तिवारी, निखिल चंदानी, बबीता चंदानी, गोपाल पुनेठा, विष्णु दत्त पुनेठा, इंदु पंडया, मयंक पंडया, आशुतोष शुक्ला, मयूरी शुक्ला, सुमेद दुबे, रश्मि दुबे, जेपी जुयाल विकास शर्मा, सोनू शर्मा, सुनील मिश्रा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

   

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