हरिद्वार, 30 सितंबर (हि.स.)। अखिल भारतीय वरिष्ठ नागरिक महासंघ 1 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक दिवस मनाएगा। महासंघ ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वरिष्ठ नागरिकों से जुड़ी समस्याओं के निराकरण की मांग की है।
प्रेस क्लब सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में महासंघ अध्यक्ष एमके रैना ने कहा कि अखिल भारतीय वरिष्ठ नागरिक महासंघ देशभर के लाखों वरिष्ठ नागरिकों का प्रतिनिधित्व करता है। देश का सबसे बड़ा वरिष्ठ नागरिक संगठन है। इसके 20 से अधिक राज्यों में संबद्ध संगठन हैं।
यह 30 लाख से अधिक वरिष्ठ नागरिकों का प्रतिनिधित्व करता है। दो दशकों से अधिक समय से यह संगठन वरिष्ठ नागरिकों के अधिकार, कल्याण और गरिमा के लिए सक्रिय है।
कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान बंद की गई रेलवे यात्रा रियायतें अब तक बहाल नहीं की गई हैं। एसोसिएशन ने इसे वरिष्ठ नागरिकों की गरिमा का अपमान बताते हुए गहरी नाराजगी जताई। लगभग 15 करोड़ वरिष्ठ नागरिक इससे प्रभावित हो रहे हैं। यह सुविधा राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक नीति, 1999 की सिफारिशों के तहत दी गई थी और दशकों से लागू रही है। कहा कि जब देश बुलेट ट्रेन और अंतरिक्ष मिशनों पर प्रगति कर रहा है, तब वरिष्ठ नागरिकों को पहले से उपलब्ध रियायत से वंचित करना उचित नहीं है।
कहा कि नीति आयोग की वरिष्ठ देखभाल पर स्थिति पत्र (फरवरी 2024) का हवाला देते हुए एसोशिएशन ने अलग से वरिष्ठ नागरिक मंत्रालय बनाने की मांग की है। भारत में बुजुर्गों की जनसंख्या 2050 तक 20 प्रतिशत पहुंचने की संभावना है।
कहाकि यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह स्थिति गंभीर मानवीय पीड़ा और आर्थिक बोझ का कारण बन सकती है। उचित नीतियों और व्यवस्थाओं के माध्यम से वरिष्ठ नागरिक अपने अनुभव, परिपक्वता और ज्ञान से राष्ट्र की प्रगति में योगदान जारी रख सकते हैं।
उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से वरिष्ठ नागरिकों की गरिमा और सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए रेलवे रियायतें तत्काल बहाल करने और तेजी से बढ़ती बुजुर्ग आबादी को देखते हुए वरिष्ठ नागरिक मंत्रालय की स्थापना किए जाने की अपील की है। वार्ता में भीमसेन श्रीधर, सर्वेश गुप्ता, सुरेश पालगे, एसके अग्रवाल, आरके अनेजा उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला



