हरियाणा पुलिस के युवा कर्मियों को मिलेगी आधुनिक हथियार चलाने की ट्रेनिंग

पुलिस महानिदेशक ने हिंसक अपराध नियंत्रण,इमिग्रेशन फ्रॉड पर ली बैठक

21 अक्टूबर से शुरू होगा कोर्स, जिला स्तर पर तैयार होंगी स्वाट टीमें

चंडीगढ़, 14 अक्टूबर (हि.स.)। हरियाणा में हिंसक अपराध नियंत्रण तथा हरियाणा पुलिस में क्षमता निर्माण करने के उद्देश्य से पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने प्रदेशभर के पुलिस महानिरीक्षकों, पुलिस आयुक्तों तथा पुलिस अधीक्षकों के साथ सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की। इस दौरान उन्होंने विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने वाले एजेंटों पर कार्रवाई करने तथा नशा मुक्ति अभियान के बारे में रिपोर्ट ली।

पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने कहा कि प्रदेश में हिंसक अपराध नियंत्रण के लिए पुलिसकर्मियों का उच्च स्तरीय व गहन हथियार संचालन प्रशिक्षण अत्यंत आवश्यक है ताकि उचित परिस्थितियों में नागरिकों की सुरक्षा के लिए उनका इस्तेमाल किया जा सके। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे अपने जिलों में तैनात अच्छे युवा पुलिसकर्मियों का साक्षात्कार करते हुए उनका चयन करें और उनका अलग-अलग बैच बनाकर शस्त्र चलाने का उन्नत प्रशिक्षण दिलवाना सुनिश्चित करें। वे इसके लिए अच्छे प्रशिक्षकों का चुनाव करें ताकि उच्च गुणवत्ता की ट्रेनिंग दी जा सके। उन्होंने आगे कहा कि इसके लिए पुलिस मुख्यालय से भी कोर्स डिजाइन करके जिलों में भिजवाया गया है। पुलिस अधीक्षक इस कोर्स को अपने जिले की स्थानीय समस्याओं के अनुरूप भी डिजाइन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण 7 से 10 दिन का होना चाहिए। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि पुलिस अधीक्षक यह ट्रेनिंग 21 अक्टूबर से शुरू करवाना सुनिश्चित करें। इससे जिलों में अपनी अच्छी स्वाट टीम भी तैयार होगी जो हिंसक अपराध नियंत्रण में प्रभावी तरीके से कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण करवाने के लिए एचपीए मधुबन तथा पीटीसी सुनारिया के प्रशिक्षण केंद्रों का भी चयन किया गया है। उन्होंने पुलिस अधीक्षकों को निर्देश देते हुए कहा कि वे क्षमता निर्माण के लिए अच्छे से अच्छा हथियार/उपकरण भी उपलब्ध करवाएं। कपूर ने विदेश भेजने के नाम पर लोगों के साथ ठगी करने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश देते हुए कहा कि पुलिस अधीक्षक अवैध इमीग्रेशन फ्रॉड की नियमित रिपोर्ट मुख्यालय को भेंजें। पुलिस अधीक्षक ऐसे मामलों की मॉनिटरिंग स्वयं करें और उनकी जांच के स्तर को भी पहले की अपेक्षा गहनता से करें। डीजीपी ने पुलिस अधीक्षकों से 31 दिसंबर तक अपने-2 जिलों के गांवों तथा वार्डों को नशा मुक्त बनाने के लिए स्वयं के लक्ष्य निर्धारित करके इसे प्राप्त करने के निर्देश दिए। इस दौरान पुलिस अधीक्षकों ने उनके क्षेत्र में नशा मुक्ति को लेकर क्या-क्या काम हुए हैं उस बारे में विस्तार से बताया।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा

   

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