राज्य सरकार ने बर्मिंघम विवि के साथ एमओयू पर किए हस्ताक्षर

चंडीगढ़, 19 फ़रवरी (हि.स.)। हरियाणा सरकार द्वारा बागवानी को बढ़ाने की दिशा में एक अग्रणी कदम उठाते हुए बागवानी फसलों के लिए हरियाणा-यूके सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑन सस्टेनेबल क्रॉप पोस्ट-हार्वेस्ट मैनेजमेंट एंड कोल्ड चेन स्थापित करने के लिए बर्मिंघम विश्वविद्यालय के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। पंचकूला में स्थापित होने वाले इस अत्याधुनिक केंद्र का उद्देश्य खेत से उपभोक्ता तक बागवानी उत्पादों की गुणवत्ता और ताजगी को बनाए रखते हुए कटाई के बाद होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम करना है।

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा की उपस्थिति में बुधवार को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

हरियाणा सरकार की ओर से समझौता ज्ञापन पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजा शेखर वुंडरू ने हस्ताक्षर किए, जबकि विश्वविद्यालय की ओर से बर्मिंघम विश्वविद्यालय के प्रो-वाइस चांसलर प्रो रॉबिन मैसन ने हस्ताक्षर किए।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि भारत का खाद्यान्न भंडार होने के कारण हरियाणा तेजी से ताजे फलों और सब्जियों के उत्पादन में विविधता ला रहा है। इस विस्तार के लिए कोल्ड चेन के प्रभावी प्रबंधन की आवश्यकता है ताकि इस बागवानी क्षेत्र में कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम किया जा सके। उत्कृष्टता केंद्र गुणवत्ता सुनिश्चित करने, बर्बादी को कम करने और हरियाणा में कृषि समुदाय का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उत्कृष्टता केंद्र एक छत के नीचे एक व्यापक अनुसंधान और परीक्षण केंद्र के रूप में काम करेगा, जो फलों और सब्जियों के कटाई के बाद के प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए समर्पित है।

हरियाणा-यूके सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के प्रमुख उद्देश्यों में दिशा-निर्देश और प्रोटोकॉल विकसित करके कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करना, बागवानी उत्पादों के लिए कुशल कोल्ड चेन सुनिश्चित करने के लिए परीक्षण सुविधाएं प्रदान करके और प्रगति का समर्थन करके कोल्ड चेन नवाचारों को बढ़ावा देना, कोल्ड चेन प्रौद्योगिकियों के लिए इनक्यूबेशन समर्थन प्रदान करके तकनीकी स्टार्ट-अप को बढ़ावा देना, ऊर्जा-कुशल कोल्ड चेन समाधानों पर अत्याधुनिक अनुसंधान और टिकाऊ व्यापार मॉडल के विकास के माध्यम से टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देना और बागवानी उपज की बर्बादी को रोकने के उद्देश्य से कोल्ड-चेन प्रथाओं और कटाई के बाद के प्रबंधन के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय ढांचा स्थापित करना शामिल है।

बर्मिंघम विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ पंचकूला में केंद्र के विकास में तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए यूके और अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के एक संघ का नेतृत्व कर रहे हैं। इस संघ में हेरियट-वाट विश्वविद्यालय, क्रैनफील्ड विश्वविद्यालय, लंदन साउथ बैंक विश्वविद्यालय और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम शामिल हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. साकेत कुमार, बागवानी विभाग के प्रमुख डॉ. अर्जुन सिंह सैनी और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा

   

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