कांग्रेस सरकार में हुई भर्तियों में धांधली पर विधानसभा में हंगामा, कांग्रेस ने किया वॉकआउट

सीएम सैनी बोले- युवाओं के साथ हुआ अन्याय

चंडीगढ़, 18 मार्च (हि.स.)। हरियाणा की हुड्डा सरकार में भर्ती हुए पुलिस इंस्पेक्टरों की भर्ती पर हाईकोर्ट के फैसले के बाद मंगलवार को विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। इस हंगामे के बीच कांग्रेस ने सदन से वाकआउट कर दिया। पूर्व मंत्री व नारनौल से भाजपा विधायक ओमप्रकाश यादव ने शून्यकाल में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा इस भर्ती को दिए गए फैसले और टिप्पणी को सदन में उठाया। यादव ने कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकार में हुई 20 पुलिस इंस्पेक्टरों की सीधी भर्ती में मुख्यमंत्री सहित दूसरे नेताओं के रिश्तेदारों का चयन किया गया। उन्होंने कहा कि इस परीक्षा के टॉपर युवा का नाम लिस्ट से फल्यूड से काट दिया गया। उसका नाम लिस्ट में सबसे नीचे रखा गया।

कांग्रेस ने इसका विरोध किया। विवाद अधिक बढ़ा तो मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले से एक बार फिर स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस राज में नौकरियों में बंदरबांट होती थी।

उन्होंने कहा कि जो बच्चा टॉपर था, उसका चयन नहीं किया गया। उसकी जगह पानीपत के एक रिश्तेदार के बेटे को नौकरी दे दी गई। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल ने इस भर्ती मामले को लेकर सरकार से हाईकोर्ट में जाने का आग्रह किया ताकि बच्चों के भविष्य को सुरक्षित रखा जा सके। उन्होंने कहा कि नौकरियों में भेदभाव करना कांग्रेस का पुराना कल्चर रहा है। वहीं सीएम ने फिर दोहराया कि विधानसभा चुनावों में कांग्रेस नेता पचास वोट पर एक नौकरी देने की बात कह रहे थे।

बिजली व परिवहन मंत्री अनिल विज की टिप्प्णी के बाद कांग्रेसियों ने सदन में नारेबाजी शुरू कर दी। कांग्रेस के कई विधायक स्पीकर वेल तक पहुंच गए। सदन में हंगामा देख स्पीकर ने कांग्रेसियों को चेतावनी देते हुए कहा कि वे अपनी सीट पर बैठें या फिर जो फैसला करना है करें। वे सदन का माहौल किसी कीमत पर नहीं बिगडऩे देंगे। कादियान ने जब विज पर पलटवार में उनके लिए भी उसी शब्द का इस्तेमाल कर दिया, जिसका विज ने हुड्डा के लिए किया था तो फिर से गरमा-गरमी शुरू हो गई। स्पीकर की चेतावनी के बीच कांग्रेसियों ने सदन से वॉकआउट किया।

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी कहा कि कांग्रेस सरकार के समय वर्ष 2008 में पुलिस निरीक्षक भर्ती में युवाओं के साथ अन्याय हुआ, जोकि चिंता का विषय है। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने भी अपने निर्णय में उस समय की अपनाई गई भर्ती प्रक्रिया पर चिंता जाहिर की है। मुख्यमंत्री आज हरियाणा विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के शून्यकाल में इस भर्ती प्रक्रिया पर उठाए गए मुद्दे पर सदन में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि किस प्रकार टॉप पर रहने वाले उम्मीदवार को दरकिनार कर भर्ती नहीं किया गया, जबकि दूसरों को भर्ती किया गया। उन्होंने कहा कि हाल ही के विधानसभा चुनावों के दौरान भी युवाओं को बहकाने का काम किया और कहा कि 50 वोट दो और एक नौकरी पक्की करो।

विधायक बोले मेरे पिता भी गए थे पर्ची लेकर

चरखी दादरी से भाजपा विधायक सुनील सतपाल सांगवान ने इस भर्ती को लेकर ओमप्रकाश यादव के आरोपों को सही बताते हुए कहा कि मेरे पिताजी (स्व. सतपाल सांगवान) उस समय कांग्रेस सरकार के साथ हुआ करते थे। हमारे हलके के एक गरीब परिवार के बेटे का रोल नंबर लेकर मेरे पिताजी भी गए थे। उन्हें कहा गया अगर आपका कोई भाई-भतीजा है तो पर्ची दे दो, नहीं तो रहने दो। सुनील ने कहा - हमारा कोई भाई-भतीजा नहीं था। लेकिन उस समय उस गरीब परिवार के बच्चे का भी चयन नहीं हुआ। सुनील सांगवान ने आरोप एक पूर्व विधायक के भतीजे सहित कई नेताओं के रिश्तेदारों का चयन करने के आरोप लगाए।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा

   

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