चौखंभा पर्वत रेस्क्यू : मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का जताया आभार, राहत व बचाव दलों की सराहना की

देहरादून, 6 अक्टूबर (हि.स.)। उत्तराखंड सरकार ने चमोली जिले के चौखंभा पर्वत पर फंसे दो विदेशी महिला पर्वतारोहियों के सफल रेस्क्यू में मदद के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार प्रकट किया। साथ ही मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) के अधिकारियों के साथ वायु सेना, पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल, जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी तथा उनकी टीम और नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की टीम की सराहना की है।

दरअसल, गत 11 सितंबर को दो महिला पर्वतारोही अमेरिका निवासी मिशेल थैरेसा डूरक (23) व इंग्लैंड निवासी फेव जेन मैनर्स (27) चौखंभा पर्वत के आरोहण के लिए दिल्ली से निकले थे। 3 अक्टूबर को देर शाम जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र चमोली को इंडियन माउंटेनियरिंग फेडरेशन से सूचना मिली कि दोनों विदेशी महिलाएं पर्वतारोही चौखंभा-तीन पर्वत (6995 मीटर) पर 6015 मीटर की ऊंचाई पर फंस गए हैं। इसके बाद चौखंभा पर्वत पर फंसे विदेशी पर्वतारोहियों के रेस्क्यू के लिए रक्षा मंत्रालय से वायुसेना के दो चीता हेलीकॉप्टर आए। एयर आपरेशन के जरिए पर्वतारोहियों का पता न चलने पर प्लान-बी पर काम किया गया।

आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन की पहल पर एसीईओ क्रियान्वयन, डीआईजी राजकुमार नेगी ने बचाव दलों के साथ मिलकर लैंड बेस्ड आपरेशन की योजना बनाई।

इधर, नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की टीम को भी लैंड बेस्ड आपरेशन के लिए तैयार किया गया। इसके उपरांत एक वाट्सएप ग्रुप बनाया गया, जिसमें पूरे रेस्क्यू अभियान को लेकर राहत और बचाव दलों ने रणनीति तैयार बनाई। कब क्या करना है, कहां से क्लीयरेंस लेनी हैं, कब और कहां से ऑपरेशन प्रारंभ करना है। इन सबकी रणनीति इसी ग्रुप में बनी। एयर और लैंड ऑपरेशन की राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), सैन्य मंत्रालय, विदेश मंत्रालय भारत सरकार की ओर से लगातार मॉनिटरिंग की जा रही थी। रविवार सुबह वायु सेना के जवानाें ने दाेनाें महिलाओं को रेस्क्यू कर बचा लिया। फ्रांस के दल ने भी दोनों पर्वतारोहियों को बचाने में बड़ी भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री की निगरानी में विदेशी महिला पर्वतारोहियों का तीन दिन बाद सुरक्षित रेस्क्यू किया गया।

बता दें कि 31 जुलाई को केदारघाटी में आई आपदा के दौरान रेस्क्यू अभियान के लिए भी एक वाट्सएप ग्रुप बनाया गया था, जिसने राहत और बचाव कार्यों को सफलतापूर्वक संचालित करने में अहम भूमिका निभाई थी।

हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण

   

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