बेटे के बलिदान के डेढ़ दशक बाद पिता को मिला न्याय

- हाई कोर्ट ने सरकार को अनुग्रह लाभ और इनाम राशि देने का दिया आदेश

चंडीगढ़, 15 मार्च (हि.स.)। पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा उच्च शिक्षा विभाग के सेवानिवृत्त प्रोफेसर जयदेव के बेटे की शहादत के बाद हरियाणा सरकार को निर्देश दिया कि वह उसे बेटे को राज्य सरकार की नीतियों के तहत मिलने वाले पूर्व-अनुग्रह लाभ और इनाम राशि प्रदान करे। जयदेव के बेटे, फ्लाइट लेफ्टिनेंट वरुण कुमार, भारतीय वायुसेना में पायलट थे तथा नौ जून 2009 को अरुणाचल प्रदेश के मेचुका में एक हवाई दुर्घटना में शहीद हो गए थे।

इस दुर्घटना के बाद जयदेव का जीवन और पीड़ादायक हो गया जब सरकार ने वरुण की शहादत को बैटल कैजुअल्टी यानी युद्ध हताहत का दर्जा देने से इनकार कर दिया। बेटे के बलिदान को मान्यता दिलाने के लिए जयदेव ने लगातार सरकारी विभागों के चक्कर लगाए। आखिरकार 2022 में उन्होंने चंडीगढ़ स्थित सशस्त्र बल अधिकरण में मुकदमा दायर किया। इस मुकदमे में उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वरुण कुमार की मृत्यु एक युद्ध जैसी परिस्थिति में हुई और उसे बैटल कैजुअल्टी का दर्जा मिलना चाहिए।

लंबी कानूनी लड़ाई के बाद नौ अक्टूबर 2022 को रक्षा मंत्रालय ने उसके बेटे को बैटल कैजुअल्टी का दर्जा देने का निर्णय लिया। केंद्र सरकार ने वरुण की शहादत को तो मान्यता दे दी और जयदेव को उदार पेंशन मिलनी शुरू हो गई, लेकिन हरियाणा सरकार ने उसे अनुग्रह लाभ और इनाम राशि नहीं दी थी। इससे जयदेव को फिर से अदालत की शरण में जाना पड़ा। हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस कुलदीप तिवारी ने माना कि याचिकाकर्ता इस लाभ को सीधे तौर पर अधिकार के रूप में दावा नहीं कर सकते लेकिन यदि राज्य सरकार की नीतियों में इसका प्रावधान है और यदि जयदेव इन नीतियों के तहत पात्र हैं, तो उन्हें यह लाभ दिया जाना चाहिए। हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को निर्देश दिया कि वह जयदेव के आवेदन पर त्वरित कार्रवाई करे और दो महीने के भीतर उन्हें उनके योग्य अनुदान और इनाम राशि प्रदान करे।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा

   

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