अनुशासन, कार्यकुशलता, प्रदर्शन एवं अनुभव सफलता के चार मूलमंत्रः डॉ. शिवकुमार चौहान
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- Feb 02, 2024
हरिद्वार, 02 फरवरी (हि.स.)। सफलता व्यक्ति के जीवन में उत्साह, उमंग एवं स्वाभिमान की परिचायक है। सफलता से जुड़ा व्यक्ति सामाजिक प्रतिष्ठा तथा आत्मसम्मान का अधिकारी बनता है। गुरुकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शिवकुमार चौहान ने शुक्रवार को शारीरिक शिक्षा के प्रशिक्षुओं के परिसंवाद में यह बातें कही।
डॉ. शिवकुमार चौहान ने कहा कि सफल होना एक व्यक्ति के स्वभाव एवं व्यवहार की मूल प्रवृत्ति है, परन्तु जीवन के कुछ मानकों से जुड़ने पर सफलता प्राप्त करना सहज हो जाता है। खिलाड़ी के जीवन में खेल उसकी सफलता का अभिन्न अंग है। सफलता के चार मूलमंत्र अनुशासन, कार्यकुशलता, प्रदर्शन एवं अनुभव है। जिनका सफलता में अहम योगदान है। अनुशासन खिलाड़ी में खेल के प्रति सद्भाव पैदा करके उसकी कुशलता को बढ़ाता है।
प्रशिक्षुओं द्वारा पूछे गये सवाल-जवाब सत्र में डॉ. चौहान ने अनेक प्रश्नों के तार्किक विश्लेषण सहित समाधान दिये।
हिन्दुस्थान समाचार/ रजनीकांत/वीरेन्द्र