ईडी बंगाल में छह जगहों पर मनरेगा भ्रष्टाचार के सिलसिले में की छापेमारी

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कोलकाता, 06 फरवरी (हि.स.)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) कोष के कथित गबन की जांच के सिलसिले में मंगलवार को पश्चिम बंगाल में कई स्थानों पर एक साथ छापेमारी शुरू की। एक अधिकारी ने बताया कि सॉल्ट लेक के आईए ब्लॉक में एक पूर्व खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) के आवास पर छापा मारा गया है। वहीं एजेंसी के कर्मियों ने हुगली जिले के चुंचूड़ा में भी एक व्यवसायी के आवास और कार्यालय पर भी छापेमारी की। उन्होंने बताया कि मुर्शिदाबाद जिले के बहरमपुर में राज्य सरकार के एक कर्मचारी से जुड़ी संपत्ति की भी तलाशी ली जा रही है।

एक अधिकारी ने बताया कि पूर्व बीडीओ हुगली जिले के धनियाखाली में तैनात थे। उन्होंने दावा किया कि ‘‘अनियमितताओं’’ में संलिप्तता के सबूत मिलने के बाद छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है। अधिकारियों ने कहा कि कथित अनियमितताएं राज्य में मनरेगा के तहत जारी किए गए लगभग 25 लाख फर्जी रोजगार कार्ड से संबंधित हैं।

पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा न करने के बारे में सीएजी के निष्कर्ष सामने आने के बीच यह छापेमारी बेहद अहम है। आवश्यक सबूत जमा करने के बाद ईडी के अधिकारियों ने मंगलवार सुबह से छापेमारी और तलाशी अभियान शुरू किया। सूत्रों ने कहा कि फिलहाल जांच का फोकस इस बात पर है कि कैसे राज्य सरकार के कर्मचारियों के एक वर्ग के साथ-साथ कुछ राजनीतिक पदाधिकारियों ने फर्जी जॉब कार्ड बनाकर अनियमितताओं को अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि ईडी की छापेमारी का समय बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि राज्य विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो गया है और भाजपा की विधायी टीम उपयोगिता प्रमाणपत्र जमा न करने के कैग के निष्कर्षों पर राज्य सरकार और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर हमला करने को तैयार है। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की और सीएजी निष्कर्षों पर चर्चा की। दूसरी ओर बजट सत्र पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक राष्ट्र, एक चुनाव पर बैठक में शामिल होने के लिए अपनी नई दिल्ली यात्रा भी रद्द कर दी। हिन्दुस्थान समाचार /ओम प्रकाश /गंगा

   

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