रालोद को फिर भाया भाजपा का साथ, दो सांसद जीते

मेरठ, 04 जून (हि.स.)। राष्ट्रीय लोकदल को भाजपा का चुनावी साथ फिर भाया है। भले ही भाजपा उत्तर प्रदेश में अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाई, लेकिन उसके सहयोगी रालोद ने शतप्रतिशत सीटों पर जीत हासिल की है। इससे पहले दो चुनाव भाजपा के साथ लड़ने के कारण रालोद को बड़ी जीत हासिल हुई थी। हालांकि रालोद चुनाव जीतने के बाद ज्यादा समय तक भाजपा के साथ नहीं रहा है।

जब-जब रालोद ने भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा है, उसे बड़ी चुनावी जीत हासिल हुई है। 2002 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में रालोद ने भाजपा से गठबंधन करके चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में रालोद ने अपना अभी तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था और उसके 14 विधायक चुनाव जीतने में कामयाब रहे थे। हालांकि भाजपा के सत्ता से दूर होने के कारण रालोद ने गठबंधन तोड़कर सपा से हाथ मिला लिया था और सरकार में शामिल हो गया था। इसके बाद 2009 के लोकसभा चुनावों में भी रालोद मुखिया रहे अजित सिंह ने भाजपा से गठबंधन करके चुनाव लड़ा और लोकसभा चुनावों का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। भाजपा के सहयोग से रालोद के पांच सांसद जीत गए। इनमें रालोद अध्यक्ष रहे अजित सिंह और उनके बेटे जयंत सिंह भी शामिल थे। यहां भी भाजपा के सत्ता से दूर रहने के कारण अजित सिंह ने कांग्रेस को समर्थन दे दिया और केंद्र में मंत्री बन गए। 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और रालोद के बीच गठबंधन हो गया।

रालोद ने बागपत और बिजनौर लोकसभा चुनाव पर चुनाव लड़ा। बागपत से रालोद के डॉ. राजकुमार सांगवान और बिजनौर से चंदन चौहान चुनाव जीतने में सफल रहे। इस तरह से रालोद ने अपना शतप्रतिशत चुनावी प्रदर्शन किया। जबकि भाजपा की उत्तर प्रदेश में हालत खराब हो गई। अब देखना है कि रालोद भाजपा गठबंधन के साथ बना रहता है या अपना पुराना इतिहास दोहराते हुए पाला बदल लेगा।

हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ. कुलदीप/मोहित

   

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