गिरिपार में बूढ़ी दिवाली पर पारंपरिक पहाड़ी व्यंजनों को रहती है धूम 

नाहन, 02 दिसंबर (हि.स.)। पारंपरिक संस्कृति को संजोए रखते हुए, जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के हाटी समुदाय के लोग इस समय बूढ़ी दिवाली मना रहे हैं। नई दिवाली के एक माह बाद मनाए जाने वाला यह महत्वपूर्ण पर्व पूरी तरह से तैयार हो चुका है और इसकी तैयारियां जोरों पर हैं।

गृहणियों ने इस पर्व पर परोसे जाने वाले पारंपरिक व्यंजन जैसे मुड़ा और शाकुली बनाने का कार्य पूरा कर लिया है। इसके अलावा असकली बनाने की विशेष परंपरा भी निभाई जा रही है, जो गेहूं के आटे को पानी में घोलकर और विशेष पत्थर से बने पात्र पर चूल्हे पर बनाया जाता है, जिसे शक्कर, घी और माश की दाल के साथ खाया जाता है। इसके साथ ही बड़े तवे पर पटांडे बनाए जाते हैं, जिन्हें दाल, घी और शक्कर के साथ परोसा जाता है।

इस पर्व पर हाटी समुदाय के लोग एक-दूसरे के घर जाते हैं और पारंपरिक पहाड़ी व्यंजनों का स्वाद लेते हैं। इसके साथ ही इस अवसर पर नाटियों का दौर भी चलता है जिसमें लोग पारंपरिक गीतों और नृत्य के साथ खुशियां मनाते हैं

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हिन्दुस्थान समाचार / जितेंद्र ठाकुर

   

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