कोकराझार में सूअर पालन से संबद्ध सहकारी समिति का गठन किया जाएगा

कोकराझार में सूअर पालन से संबद्ध सहकारी समिति का गठन किया जाएगा।

कोकराझार (असम), 08 नवम्बर (हि.स.)। सहकारिता मंत्रालय की सहकार से समृद्धि (सहकारिता के माध्यम से समृद्धि) दृष्टि के अनुरूप और ग्रामीण भारत में सहकारी आंदोलन को मजबूत करने के उद्देश्य से बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (बीटीसी) के सहकारिता विभाग ने आज तीतागुरी, कोकराझार के समाबाई भवन में एक बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में कोकराझार जिले के 32 सूअर पालकों को आमंत्रित किया गया, जो बोडोलैंड पिग मिशन के तहत पंजीकृत हैं। यह एक प्रमुख पहल है जिसका नेतृत्व बीटीआर के मुख्य कार्यकारी पार्षद (सीईएम) प्रमोद बोडो कर रहे हैं। इस बैठक का उद्देश्य जिले में सूअर पालन से संबंधित सहकारी समिति के गठन पर चर्चा करना था।

बैठक की अध्यक्षता सहकारिता के सीएचडी, जयंत खेरकतारी ने की, जिन्होंने सहकारी कृषि मॉडल के कई लाभों पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सूअर पालन को सहकारी ढांचे में शामिल करने से इसे एक बड़े पैमाने की आर्थिक गतिविधि में बदला जा सकता है, जिससे उत्पादन का एक संगठित और वैज्ञानिक दृष्टिकोण सुनिश्चित हो सकेगा।

चर्चाओं के दौरान, प्रतिभागियों ने क्षेत्र में सूअर के मांस की बढ़ती मांग को लेकर विचार-विमर्श किया। कोकराझार में अधिशेष उत्पादन की क्षमता को ध्यान में रखते हुए, उन्होंने स्थानीय आपूर्ति बढ़ाने के साथ-साथ जिले के बाहर बड़े बाजारों में विस्तार के अवसरों पर भी चर्चा की।

बैठक का समापन सामुदायिक संचालित आर्थिक विकास के महत्व पर जोर देते हुए हुआ। उम्मीद की जा रही है कि सूअर पालन से संबद्ध सहकारी समिति का गठन कोकराझार के सूअर पालकों के लिए दीर्घकालिक समृद्धि लाएगा, साथ ही स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा और क्षेत्र के किसानों की आजीविका में सुधार करेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / किशोर मिश्रा

   

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